देहरादूनःउत्तराखंड पुलिस राज्य में भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए ऑपरेशन मुक्ति अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत सैकड़ों बच्चों को अब तक भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर पुनर्वास किया जा चुका है. बीते एक अप्रैल 2019 से 29 जून तक तीन चरणों में चलाए गए इस अभियान में मित्र पुलिस ने 292 गरीब तबके के बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर उन्हें नई जिंदगी दी है. सभी बच्चों को स्कूलों में शिक्षा देने के साथ पुनर्वास कराया जा है.
बता दें कि पहले चरण के तहत 'ऑब्जरवेशन पीरियड' में सड़कों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों आदि स्थानों पर भीख मांगते बच्चों को चिन्हित किया गया था. दूसरे चरण 'अवेयरनेस व एनफोर्समेंट पीरियड' के दौरान अलग-अलग स्थानों पर प्रचार-प्रसार के माध्यम से भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाने के लिए आम जनता से लेकर सामाजिक संस्थाओं को अभियान में जोड़कर ऑपरेशन मुक्ति को अमल में लाया गया, जबकि तीसरे चरण 'इनफॉर्मेंट व रिहेबिलिटेशन पीरियड' के दौरान चिन्हित किए गए सभी नाबालिग बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर अलग-अलग स्कूलों में शिक्षा देने के साथ उनके पुनर्वास करने का कार्य किया गया.
ऑपरेशन मुक्ति के तहत पहले चरण में 292 बच्चों को भीख मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने आदि कार्यों से मुक्त कराया गया है. पहले चरण में ही 67 बच्चों को अलग-अलग स्कूलों में एडमिशन दिलाया गया है, जबकि 42 बच्चे जिनकी परिवारिक आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. उन्हें आर्थिक सहायता दिलाने के साथ ही बाल कल्याण अधिकार शिक्षण आयोग उत्तराखंड को रिपोर्ट भेजी गई है. ऑपरेशन मुक्ति अभियान के दौरान टीम की प्रभारी विनीता चौहान ने एक नेत्रहीन बच्चे को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर उसे राष्ट्रीय दिव्यांगजन शक्ति संस्थान में कक्षा दो में दाखिला दिलाया है.