देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निजी भागीदारी का उपयोग भी ठीक से नहीं हो पा रहा है. सूबे में महकमे का बजट रिकॉर्ड तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहा है. सूबे में स्वास्थ्य विभाग कई अस्पतालों को पीपीपी मोड पर देकर सेवाओं को बेहतर करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन विभाग की कोशिश भी बेमानी तब नजर आती है जब महकमे के राज्य सेक्टर में पीपीपी मोड पर जारी हुए बजट का आंकड़ा सामने आया.
दरअसल, पीपीपी मोड पर महकमा 44 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान में 16 करोड़ ही पा सका. चौंकाने वाली बात ये है कि इस बजट में भी विभाग महज 32 लाख ही जनवरी के आखिरी तक खर्च कर सका. इस तरह विभाग ने 19.86 प्रतिशत बजट ही उपयोग में लाया.