उत्तराखंड

uttarakhand

पीपीपी मोड पर बजट का नहीं हुआ उपयोग, स्वास्थ्य विभाग निजी भागेदारी के मामले में भी फिसड्डी

By

Published : Mar 5, 2020, 6:49 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 8:02 PM IST

स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही ने इस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी जल्द बिल क्लीयर करने के लिए कह रहे हैं.

uttarakhand
uttarakhand

देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निजी भागीदारी का उपयोग भी ठीक से नहीं हो पा रहा है. सूबे में महकमे का बजट रिकॉर्ड तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहा है. सूबे में स्वास्थ्य विभाग कई अस्पतालों को पीपीपी मोड पर देकर सेवाओं को बेहतर करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन विभाग की कोशिश भी बेमानी तब नजर आती है जब महकमे के राज्य सेक्टर में पीपीपी मोड पर जारी हुए बजट का आंकड़ा सामने आया.

दरअसल, पीपीपी मोड पर महकमा 44 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान में 16 करोड़ ही पा सका. चौंकाने वाली बात ये है कि इस बजट में भी विभाग महज 32 लाख ही जनवरी के आखिरी तक खर्च कर सका. इस तरह विभाग ने 19.86 प्रतिशत बजट ही उपयोग में लाया.

पढ़ें-गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर कर्णप्रयाग की जनता खुश, जताई विकास की उम्मीद

खास बात ये है कि पहले ही पीपीपी मोड पर कम बजट विभाग के पास है उसमें भी स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही ने इस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी जल्द बिल क्लीयर करने के लिए कह रहे हैं.

पीपीपी मोड पर बजट का नहीं हुआ उपयोग

इस बारे में स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने कहा कि विभाग प्रदेश में व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रहा है. इसीलिए पीपीपी मोड़ का सहारा लिया गया है, लेकिन यदि इस व्यवस्था में भी बजट पर विभाग सुस्ती दिखायेगा तो स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के हालात बिगड़ सकते हैं.

Last Updated : Mar 5, 2020, 8:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details