देहरादून:उत्तराखंड राज्य के प्रवासियों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की थी, जिसके तहत अभी तक 1 लाख 64 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है. जिसमें से अभी तक 7,300 लोगों को दूसरे राज्यों से उत्तराखंड वापस लाया जा चुका है. जबकि 8,146 लोगों को उत्तराखंड के एक जिले से दूसरे जिले में सरकार भेज चुकी है. इसके साथ ही राज्य सरकार उत्तराखंड के प्रवासियों को उत्तराखंड लाने की कवायद में जुटी हुई है. इसके तहत अब ट्रेनों से कई राज्यों में फंसे प्रवासियों को उत्तराखंड लाया जाएगा. जिसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि जो भी उत्तराखंड लौटना चाहता है, उन्हें वापस लाया जाएगा. हालांकि, लोगों को थोड़ा संयम और धैर्य रखने की जरूरत है. क्योंकि अन्य राज्यों से लोगों को लाने में तमाम तरह की सावधानियां बरतनी होती है. इसलिए एक साथ इकट्ठा सबको नहीं लाया जा सकता है. प्रवासियों को लाने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण, वाहनों की व्यवस्था, रुकने की व्यवस्था आदि चीजों की पहले व्यवस्था करनी पड़ती है. लिहाजा, सरकार सुनियोजित तरीके से काम करने में जुटी हुई है.
वहीं, प्रवासियों की वापसी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर घर वापसी कर रहे लोगों के रेल भाड़ा किराया प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा वहन किए जाने का आग्रह किया है. दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोनिया गांधी की तरफ से जारी घोषणा के अनुरूप घर वापस आ रहे लोगों के रेल किराया को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से वहन किए जाने को लेकर उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी मंशा जताई है.
दूसरे राज्यों से बुलाए जाएंगे प्रवासी
मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा से 1,500 लोगों को निजी वाहन से आने की अनुमति दे दी गई है. इसके साथ ही उदयपुर और जम्मू से 400-400 लोगों को लाने की व्यवस्था की जा रही है. यही नहीं गुजरात और महाराष्ट्र सरकार को सूचना दी गई है कि सूरत, अहमदाबाद और पुणे से लोगों को ट्रेन से लाया जाना है. जिसके लिए रेल मंत्रालय से वार्ता हुई है. उत्तराखंड के लोगों को ट्रेन से लाने में जो भी व्यय आएगा, उसका वहन उत्तराखंड सरकार करेगी. इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा विदेशों से भारतीय नागरिकों को लाने की व्यवस्था की जा रही है.