देहरादून: ETV BHARAT के 'ऑपरेशन एंबुलेंस' का बड़ा असर हुआ है. उत्तराखंड सरकार ने 'ऑपरेशन एंबुलेंस' का संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिये हैं. ईटीवी भारत ने अपने जिम्मेदारी निभाते हुए कोरोना काल में लोगों के साथ हो रही नाइंसाफी को प्रमुखता से दिखाया था. 'ऑपरेशन एंबुलेंस' के जरिए ईटीवी भारत ने दिखाया कि किस तरह एंबुलेंस संचालक लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनसे मोटी रकम ऐंठ रहे हैं.
ईटीवी भारत के 'ऑपरेशन एंबुलेंस' का संज्ञान खुद सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिया है. वहीं, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने पूरे मामले में जांच करने की बात कही है. साथ ही स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने भी डीजी हेल्थ को जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि तीमारदारों से निर्धारित मूल्य से अधिक रकम वसूलना गलत है. एंबुलेंस संचालकों को सिर्फ निर्धारित रेट के अनुसार ही पैसे लेने का हक है. ऐसे में सरकार पूरे मामले की जांच करवा रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
'ऑपरेशन एंबुलेंस' का CM त्रिवेंद्र ने लिया संज्ञान. ये भी पढ़ें:देहरादून: कोरोना संकट के बीच 'ऑपरेशन एंबुलेंस', बेनकाब हुए कई चेहरे
ईटीवी भारत के 'ऑपरेशन एंबुलेंस' पर बड़ा खुलासा होते ही हरिद्वार स्वास्थ्य में खलबली मच गई है. हरिद्वार सीएमओ ने ईटीवी भारत के 'ऑपरेशन एंबुलेंस' का संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच के लिए दो टीमों का गठन किया है. इस टीम में स्वास्थ्य कर्मचारी, आरटीओ के साथ ही पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है. ताकि मरीजों और तमीरदारों से मनमाने तरीके से हो रही वसूली का पर्दाफाश हो सके.
वहीं, 'ऑपरेशन एंबुलेंस' पर हुए खुलासे के बाद विपक्ष ने उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने ईटीवी भारत को धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि ये मामला जनहित से जुड़ा हुआ है. इस वैश्विक महामारी के दौर में जहां लोग आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. वहीं, कुछ लोग चंद पैसों के लिए लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं, जो बेहद ही शर्मनाक है. इसके साथ ही धस्माना ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जब से 108 एंबुलेंस की स्थिति खराब हुई है. उसके बाद से ही प्राइवेट एंबुलेंस अपनी मनमानी पर उतर आए हैं. ऐसे में अब सरकारी सिस्टम को जागने की जरूरत है.