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उत्तराखंड सहकारिता बैंक: NPA से उभरने के लिए सरकार ने बनाई ये योजना, खाता धारकों को करना होगा ये काम

सोमवार को सहकारी मंत्री धन सिंह रावत ने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने एकमुश्त समाधान योजना (वन टाइम सैटलमेंट) को लागू करने का निर्देश दिया. वन टाइम सैटलमेंट के लिए सहकारिता विभाग ने 100 दिनों का समय एनपीए खाता धारकों को दिया है. जिसकी अवधि 1 जुलाई से 7 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है.

सहकारी विभाग की बैठक

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Published : Jul 1, 2019, 5:44 PM IST

Updated : Jul 1, 2019, 6:39 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड सहकारिता बैंक में एनपीए यानी लोन लेकर वापस न चुकाने वाले खाता धारकों की संख्या 18,000 से ज्यादा है. इससे सहकारिता बैंक को करीब 391 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इस नुकसान की भरपाई के लिए उत्तराखंड सहकारिता विभाग ने वन टाइम सेटेलमेंट का रास्ता निकाला है, ताकि इस घाटे को कम किया जा सके. यह योजना 100 दिन की होगी. इस योजना में 50 लाख रुपये तक ऋण वाले को लाभ दिया जाएगा.

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सोमवार को सहकारी मंत्री धन सिंह रावत ने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने एकमुश्त समाधान योजना (वन टाइम सैटलमेंट) को लागू करने का निर्देश दिया. वन टाइम सैटलमेंट के लिए सहकारिता विभाग ने 100 दिनों का समय एनपीए खाता धारकों को दिया है. जिसकी अवधि 1 जुलाई से 7 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है.

NPA से उभरने के लिए सरकार ने बनाई ये योजना

वन टाइम सैटलमेंट के जरिए तीन अलग-अलग तरह की श्रेणियों के खाताधारकों के एनपीए एकाउंट्स का समाधान किया जाएगा. मंत्री रावत ने बताया कि सहकारिता बैंक से संबंधित एनपीए अकाउंट्स का तीन अलग-अलग कैटेगरी में वन टाइम सैटलमेंट करने के निर्देश दिए गए हैं. इस सेटलमेंट में 50 लाख तक के ऋण वाले खाताधारक को लाभ मिलेगा.

  • पहली कैटेगरी में मृतक खाताधारक से किसी भी तरह का ब्याज नहीं लिया जाएगा. जिन्होंने मूलधन जमा कर दिया है.
  • दूसरी कैटेगरी के अंतर्गत ऐसे सामान्य खाताधारक होंगे जिसने यदि मूलधन के बराबर ब्याज जमा कर दिया है तो उन्हें केवल मूलधन ही जमा करना होगा.
  • तीसरी कैटेगरीके अंतर्गत उन खाताधारकों को रखा गया है, जिन्हें बैंकिंग भाषा में संदिग्ध ऋण खाता धारक कहा जाता है. ऐसे खाताधारकों को मूलधन के साथ केवल 30% ब्याज को जमा करना होगा.

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बता दें कि पिछले 25 सालों में सहकारिता बैंक में 18465 खातों का एनपीए अमाउंट 391 करोड़ 50 लाख रुपए हो चुका था. हैरानी की बात ये है कि 80 फीसदी एनपीए ग्रामीण क्षेत्र में हुआ. घाटे में जा रही इतनी बड़ी राशि पर पिछले एक माह में इसी तरह के सैटलमेंट के जरिए 21 करोड़ रुपए तक लोन वसूला गया है.

Last Updated : Jul 1, 2019, 6:39 PM IST

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