देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने सभी डीएम को कोविड डेथ रेट को कम करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए.
सीएम ने कहा कि कोविड के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, उसमें अन्य रोग से ग्रसित मरीज होने, देरी से अस्पताल पहुंचने या अन्य किस कारण से हो रही है, इसका पूरा विश्लेषण किया जाए. उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिलों में टेस्टिंग और तेजी से बढ़ाई जाए. आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए. एन्टीजन टेस्ट में नेगेटिव पाये जाने पर यदि व्यक्ति सिम्पटोमैटिक है, तो उनका शत प्रतिशत आरटीपीसीआर हो.
CM ने जिलाधिकारियों संग कोविड-19 को लेकर की समीक्षा बैठक. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सैंपल लेने के बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अन्दर और पर्वतीय क्षेत्र में 48 घंटे के अन्दर लोगों को कोविड की रिपोर्ट मिल जाए. रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ एवं देहरादून को पॉजिटिविटी केस को नियंत्रित करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्दियों, आगामी हरिद्वार कुंभ, योग महोत्सव और पर्यटन की दृष्टि से आने वाले कुछ माह चुनौतीपूर्ण होंगे. इन सबको ध्यान में रखते हुए कोविड-19 से बचाव के लिए जनपदों में लगातार जागरूकता अभियान चलाये जाएं.
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सीएम ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए. ताकि लोग किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोविड कंट्रोल रूम एवं टोल फ्री नंबर पर कॉल करें. जो लोग होम आईसोलेशन में हैं, उनके नियमित स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विजिट किया जाए.
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना वैक्सिनेशन के लिए भी पूरी प्लांनिंग कर ली जाए. जिला टास्क फोर्स एवं ब्लॉक टॉस्ट फोर्स की नियमित बैठकें की जाए. सभी को-मॉर्बिड, ओल्ड ऐज, प्रेग्नेंट महिलाओं, हेल्थ एवं फ्रंट लाइन वर्कर का पूरा डाटा रखा जाए. वैक्सीनेशन को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन की अभी से पूरी व्यवस्था रखी जाय. टेस्टिंग और बढ़ाने की जरूरत है. ओल्ड ऐज एवं को-मार्बिड लोगों को यदि कोई लक्षण आता है तो, उन्हें होम आइसोलेशन के बजाय अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया जाए.
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि प्रदेश में हाई रिस्क कांटेक्ट का 99.89 प्रतिशत टेस्ट हो चुका है. 80 प्रतिशत आरटीपीसीआर टेस्ट कराए जा रहे हैं. पर्यटक स्थलों पर लगातार कोरोना की सैंपलिंग की जा रही है. सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी यह भी सुनिश्चित कर लें कि नॉन कोविड हैल्थ फैसिलिटी भी सुचारू रहे.