देहरादून: 2010 में हरिद्वार में हुए चर्चित लाइब्रेरी घोटाले में आज नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने मदन कौशिक सहित कई अधिकारियों को नोटिस भेजा है. साथ ही सभी लोगों से एक सप्ताह में जवाब मांगा है. वहीं, मदन कौशिक ने इस मामले अपनी सफाई दी है.
2010 में भाजपा सरकार में बतौर मंत्री मदन कौशिक ने हरिद्वार में तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से 1 दर्जन से अधिक पुस्तकालय बनाने के लिए बजट जारी किया था. लेकिन पुस्तकालय ना बनने के चलते यह घोटाला सामने आया था. जिस पर 2014 में आरटीआई कार्यकर्ता सच्चिदानंद ने कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी. वहीं, एक बार फिर लाइब्रेरी घोटाले में बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एक सप्ताह के अंदर इससे जुड़े सभी लोगों को जवाब देने को कहा है.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार पुस्तकालय घोटाले में HC ने सरकार और मदन कौशिक समेत कईयों को भेजा नोटिस
वहीं, मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि इस विषय में अब कुछ भी नया नहीं है. वर्ष 2014 में भी इसको लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दर्ज की गई थी, जिसमें कोर्ट ने पाया था कि जिस कार्य के लिए बजट आवंटित किया गया है, उसकी जगह पर कुछ अन्य उपयोग किए जा रहे हैं. जिसको हाईकोर्ट ने सीज करके नगर निगम हरिद्वार के हवाले कर दिया था. अब इस भूमि पर नगर निगम अपनी जरूरत के अनुरूप उपयोग कर रहा है. वहीं, इस मामले को एक बार फिर से कोर्ट में ले जाया गया है, जिसमें नया कुछ नहीं है.
ये भी पढ़ें:हरिद्वार पुस्तकालय घोटाले में HC ने सरकार और मदन कौशिक समेत कईयों को भेजा नोटिस