देहरादून:उत्तराखंड के स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्र पर काम करने वाले शिक्षकों के बूरे दिन आने वाले हैं. फर्जी डिग्री मामले में उत्तराखंड के साढ़े तीन हजार शिक्षकों पर SIT जांच की तलवार लटकी रही है. फर्जी प्रमाण पत्र पर काम करने वाले सभी शिक्षकों पर आगामी दिनों में जांच का शिकंजा तेज हो सकता है.
इन सभी शिक्षकों के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत एसआईटी को मिली है. ऐसे में एसआईटी टीम राज्य के कई बेसिक व राजकीय स्कूलों में शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है. इतना ही नहीं एसआईटी जांच टीम आरोपी शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र को विस्तृत रूप में जांच पड़ताल करने के लिए उनको देश के अलग-अलग शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों में सत्यापन के लिए भी भेज रही है. जिसके उपरांत यह पता चल सकेगा कि किस शिक्षक का शैक्षिक प्रमाण पत्र असली है या फर्जी है.
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जांच में अभी तक सौ शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्र मिले थे, 53 पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. बता दें कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति पाने वालों की शिकायत मिलने के बाद राज्य सरकार द्वारा एसआईटी टीम का गठन किया गया था. वर्तमान में एसआईटी के अध्यक्ष आईपीएस मणिकांत मिश्रा राज्यभर में अलग-अलग सरकारी स्कूलों में आरोपित शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र मामले में जांच पड़ताल में लगे हुए हैं. हालांकि इससे पहले राज्य के शिक्षा विभाग में सौ से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को एसआईटी टीम बेनकाब कर चुकी है.
पिछले दिनों रुद्रप्रयाग जिले में एक साथ 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे. जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले में एक ही स्थान पर 11 ऐसे शिक्षक एसआईटी के शिकंजे में आए, जिनके प्रमाण पत्र फर्जी थे. जांच पड़ताल में पता चला कि इनकी B.Ed की डिग्री फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई थी. एसआईटी ने इसी कार्रवाई के तहत 5 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी शिकंजे को तेज कर दिया है.
वहीं, प्रमाण पत्र की सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कर रहे मणिकांत मिश्रा के मुताबिक साढ़े तीन हजार शिक्षकों के प्रमाण पत्र देश के अलग-अलग स्थानों पर भेजे गए हैं. ऐसे में इनके सत्यापन की रिपोर्ट आने के बाद ही आरोपितों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.