ऋषिकेष: यूपी के हाथरस मामले को लेकर देशभर में उबाल देखा जा रहा है. जहां विपक्ष लगातार इस मामले में योगी सरकार को घेर रही है. वहीं, यूपी सरकार की कार्यशैली और पुलिस की असंवेदनशीलता को लेकर अपने ही नेता सवाल खड़े कर रहे हैं. साध्वी निरंजना ज्योति और पूर्व केंद्रीय उमा भारती ने भी हाथरस मामले पर यूपी सरकार और कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हाथरस मामले पर ट्वीट किया कि मैंने हाथरस की घटना के बारे में देखा. पहले तो मुझे लगा की मैं ना बोलूं क्यूंकि आप इस संबंध में ठीक ही कार्यवाही कर रहे होंगे, किन्तु जिस प्रकार से पुलिस ने गांव में पीड़ित परिवार की घेराबंदी की है. उसके कितने भी तर्क हो, लेकिन इससे विभिन्न आशंकाये जन्मती है.
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उमा भारती ने ट्वीट में सीएम योगी को लिखा है कि वह एक दलित परिवार की बिटिया थी. बड़ी जल्दबाज़ी में पुलिस ने उसकी अंत्येष्टि की और अब परिवार एवं गांव की पुलिस के द्वारा घेराबंदी कर दी गयी है. मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि एसआइटी जांच में परिवार किसी से मिल भी ना पाये. इससे तो एसाईटी की जांच ही संदेह के दायरे में आ जायेगी.
हमने अभी राम मंदिर का शिलान्यास किया है तथा आगे देश में रामराज्य लाने का दावा किया है, लेकिन इस घटना पर पुलिस की संदेहपूर्ण कार्यवाही से सरकार की छवि पे आंच आयी है. आप एक बहुत ही साफ सुधरी छवि के शासक है. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मीडियाकर्मियों को एवं अन्य राजनीतिक दलो के लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने दीजिये.
मैं कोरोना वार्ड में बहुत बैचेन हूं. अगर मैं कोरोना पॉजिटिव ना होती तो मैं भी उस गांव में उस परिवार के साथ बैठी होती. एम्स ऋषिकेश से छुट्टी होने पर मैं भी हाथरस के उस पीड़ित परिवार से जरूर मिलूंगी. मैं आपसे वरिष्ठ एवं आपकी बड़ी बहन हूं. मेरा आग्रह है की आप मेरे सुझाव को अमान्य मत करियेगा.