देहरादून : उत्तराखंड क्रांति दल ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने का विरोध करते हुए द्रोण चौक पर सरकार का पुतला फूंका. इस दौरान यूकेडी ने बीजेपी सरकार को पहाड़ विरोधी बताते हुए जमकर नारेबाजी की.
इस दौरान यूकेडी के नेता त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषित कर राज्य आंदोलनकारियों व शहीदों का अपमान किया है. जिसे उत्तराखंड क्रान्ति दल किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा. साथ ही जब तक गैरसैंण को पूर्णकालिक राजधानी नहीं बनाया जाता, वह चुप नहीं बैठेंगे.
यूकेडी ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन. ये भी पढ़ें:उत्तराखंडः जस्टिस मलिमथ बने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ जल्द ही यूकेडी नए आंदोलन की रूपरेखा व रणनीति तैयार कर जनता के साथ लामबंद होकर प्रदर्शन करेगी. क्योंकि राज्य आंदोलन का केंद्र बिंदु गैरसैंण रहा है. जिसके लिए 42 शहादतें हुई. लेकिन, उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन घोषित कर पहाड़ के साथ धोखा किया है. जिस तरह से बीजेपी ने राज्य पुनर्गठन विधेयक में 26वां संशोधन कर राज्यविरोधी निर्णय लिए. बल्कि, राज्य का नाम उत्तराखंड की बजाय उत्तरांचल रखा गया. आज उसी तर्ज पर सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन घोषित करके राज्य के धारणा के साथ कुठाराघात किया. जिसका जवाब आने वाले समय में बीजेपी को प्रदेश की जनता जरूर देगी.
उत्तराखंड क्रांति दल का कहना है कि बीजेपी की नीतियां हमेशा से ही पहाड़ विरोधी रही हैं. ऐसे में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके ये स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी मैदानी क्षेत्रों का हित चाहती है और न कि पहाड़ का. उत्तराखंड राज्य की राजधानी पहाड़ में होनी चाहिए, जहां से विकास की धारा ऊपर से नीचे की ओर बहे और पहाड़ का विकास हो सके.