विकासनगर:भारतीय आदिम जाति सेवक संघ के संचालित ट्राइबल बालिका आश्रम विद्यालय कालसी बजट की कमी से जूझ रहा है. इस विद्यालय में जौनसारी जनजाति क्षेत्र की करीब 200 छात्राएं अध्ययनरत हैं. दूर क्षेत्रों से अत्यंत गरीब तबके की यह बालिकाएं इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं लेकिन विद्यालय की बालिकाओं को पौष्टिक आहार में मात्र दाल, चावल, रोटी, सब्जी दी जाती है. इस विद्यालय में ट्राइबल कन्या प्राइमरी आवासीय विद्यालय व ट्राइबल कन्या जूनियर आवासीय विद्यालय दोनों प्रोजेक्ट जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के द्वारा वित्त पोषित हैं.
वर्तमान में 100 छात्राएं प्राइमरी व 100 छात्राएं जूनियर में पंजीकृत हैं. प्राइमरी की 100 छात्राओं पर पांच महिला टीचर व जूनियर में 6 महिला टीचर हैं. दोनों विभाग में स्टाफ में करीब 22 कर्मचारी उपस्थित हैं. प्राइमरी की मान्यता बेसिक शिक्षा परिषद देहरादून से जबकि जूनियर की मान्यता सहायक शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल पौड़ी से है.
साल 2018 -19 में प्रति छात्रा को ₹660 प्रति माह और 2020-21 में प्रति छात्रा के लिए ₹990 जनजाति मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा साल के 10 माह का बजट स्वीकृत किया गया. इस विद्यालय में अध्ययनरत छात्रा ने बताया कि सुबह के नाश्ते में चना व रोटी व दिन के खाने में दाल चावल और शाम के खाने में दाल रोटी मिलती है. छात्रा ने बताया कि हमें दूध, फल आदि पौष्टिक आहार जैसी कोई सुविधा इस विद्यालय में नहीं दी जाती है.