देहरादून:पर्यटन उत्तराखंड में अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, लेकिन कोरोना काल में उत्तराखंड के पर्यटन कारोबारियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था. हालांकि, इस बार उम्मीद है कि पर्यटन सीजन अच्छा रहेगा, जिसको लेकर सरकार भी अपने स्तर पर तैयारियां कर रही है. उत्तराखंड पर्यटन इंडस्ट्री को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए उत्तराखंड सरकार की क्या रणनीति है, इसको लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
उत्तराखंड में पर्यटन को एक बार फिर से अपनी ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और विभाग पूरे जी-जान से जुट गया है. इसी कड़ी में शनिवार को देहरादून में एक टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था, जिसमें 300 से ज्यादा होटल इंडस्ट्री, एडवेंचर टूर ऑपरेटर और टूरिज्म सेक्टर से जुड़े अलग-अलग सेक्टर के लोगों ने भाग लिया.
पर्यटन मंत्री ने ईटीवी भारत से साझा की रणनीति. इस दौरान सतपाल महाराज ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पिछले दो सालों से पूरी दुनिया कोविड महामारी के कारण समस्याओं में घिरी हुई थी. उत्तराखंड को पर्यटन कारोबार भी कोरोना के कारण काफी प्रभावित हुआ है. उत्तराखंड की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है. ऐसे में राज्य में एक बार फिर से पर्यटन का माहौल खड़ा करने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
पढ़ें-उत्तराखंड में पर्यटन को पटरी पर लाने की कवायद, Caravan टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर
उन्होंने बताया कि वह उत्तराखंड सरकार बहुत सारे सर्किट पर काम कर रही है, जिसमें भगवती सर्किट, गोल्ज्यू महाराज सर्किट और विवेकानंद सर्किट जैसे कई ऐसे सर्किट हैं जो कि अलग-अलग क्षेत्र के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. उत्तराखंड में पर्यटक अपनी रूचि के अनुसार अलग-अलग सेक्टर में घूमने के आ सकता है.
सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन विभाग के सामने भी कुछ चुनौतियां है, जिनसे विभाग निपट रहा है. इसके अलावा विभाग अपनी केयरिंग कैपेसिटी को लगातार बढ़ाने का काम कर रहे हैं. सरकार और विभाग की कोशिश है कि यात्रियों के रजिस्ट्रेशन के बाद एक सुनियोजित तरीके से और निश्चित संख्या में अनुमति दी जाए ताकि व्यवस्थाओं पर अतिरिक्त दबाव न पड़े. वहीं, इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस चार धाम यात्रा में पहली दफा कई नए एक्सपीरियंस भी जुड़ेंगे, जिसमें से एक शंकराचार्य आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि भी हैं.