देहरादून:उत्तराखंड की राजधानी देहरादून किसी पहचान की मोहताज नहीं है. पर्यटन नगरी के साथ यहां कई ऐसे संस्थान हैं जो दून को देश और दुनिया में एक अलग पहचान दिलाते हैं. हालांकि, ये शहर एक विशेष कारण से भी प्रसिद्ध है, वो है 'वाला'. जी हां, देहरादून में कई इलाकों में नाम के बाद वाला शब्द जोड़ा गया है.
देहरादून शहर और जनपद की बाद करें तो यहां लगभग 150 गांव और कॉलोनियों के नाम के बाद 'वाला' शब्द जोड़ा गया है. जैसे डोइवाला, डालनवाला, मियांवाला, हर्रावाला, मक्कवाला, अम्बीवाला, जोगीवाला, छिद्दरवाला, डोभालवाला, चुक्खुवाला, धामावाला, निंबूवाला और आमवाला आदि कई ऐसे नाम हैं. गांव और कॉलोनियों के नाम के बाद वाला शब्द जुड़ने को लेकर भी एक कहानी है.
देहरादून ऐसा शहर एवं जिला है, जहां गांव और पुरानी कॉलोनियों की पहचान उनके नाम के साथ जुड़े 'वाला' शब्द से होती है. गांव-कॉलोनियों के नाम पर यह वाला शब्द क्यों जुड़ा, इसकी प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन, माना जाता है कि संबंधित स्थान की विशेषता, महत्ता और स्थानीय संस्कृति के अनुसार ही इलाके नाम के साथ 'वाला' शब्द जुड़ा होगा.
जानकारों की माने तो पुराने समय में शायद किसी गांव, कस्बे या कॉलोनी की पहचान ही उसके नाम के साथ जुड़े पहले शब्द से होती रही होगी. इसलिए कालांतर में लोग संबंधित इलाके के नाम, उसके साथ 'वाला' जोड़कर पुकारने लगे. धीरे-धीरे यही नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया. यही वजह है कि वर्तमान में देहरादून शहर व जिले के लगभग 150 गांव और कॉलोनियों के नाम में 'वाला' शब्द जुड़ा हुआ है.
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करछुल और डोइयों के लिए प्रसिद्ध डोईवालाःकहा जाता है कि एक जमाने में डोईवाला शहर में लकड़ी से बनी करछुल (कड़छी) अथवा डोइयों (भगोना) के लिए प्रसिद्ध था. यहां दूरदराज के लोग डोइयों की खरीदारी करने आते थे. माना जाता है कि इसीलिए इस इलाके का डोईवाला नाम पड़ा है. ऐसे ही तुनवाला शहर है. कहा जाता है कि यह कभी तुन के वृक्ष बहुत अधिक संख्या में पाए जाते थे. इसलिए लोगों ने इस जगह को तुनवाला कहना शुरू कर दिया. आज भी यहां तुन के वृक्ष देख सकते हैं.
पुरोहितों का ब्राह्मणवाला: माजरा से पहले आईटीआई के ठीक सामने वाले मार्ग पर बसे ब्राह्मणवाला में एक समय अनेकों ब्राह्मण (पुरोहित) परिवार रहा करते थे. इन ब्राह्मणों को लोग पूजा-अनुष्ठान के लिए बुलाया करते था. कहा जाता है कि इसी वजह से इस इलाके को ब्राह्मणवाला कहा गया. वहीं, रांगड़ एक प्रकार का चावल होता है, जो कभी पंजाब में उगाया जाता था. रांगड़वाला में पहले इसी चावल की खेती बहुतायत में होती थी. इसलिए इसे रांगड़वाला कहा जाने लगा.
बड़ोवाला में बड़ वृक्षःएक वक्त इस क्षेत्र में बड़ (वट) के वृक्ष बहुतायत में पाए जाते थे. इसी कारण इस इलाके का नाम बड़ोवाला पड़ा. आमवाला में कभी बड़ी तादाद में आम के बगीचे हुआ करते थे. सो, यह क्षेत्र आमवाला कहलाए जाने लगा. अनारवाला में अनार के पेड़ों की बहुलता के कारण इस क्षेत्र को अनारवाला कहा गया. जामुनवाला कभी जामुन के लिए प्रसिद्ध रहा है. इसी के चलते जामुनवाला नाम प्रचलन में आया.
डोभाल से डोभालवालाः शहर से लगे इस इलाके में डोभाल जाति के लोगों का बाहुल्य होने कारण इसका डोभालवाला नाम पड़ा. कुआंवाला में कभी काफी संख्या में कुएं हुआ करते थे. जिस कारण लोग इसे कुआंवाला कहने लगे. निंबूवाला में नींबू के पेड़ों की अधिकता के कारण इस इलाके का निंबूवाला नाम पड़ा. आदूवाला में कभी आदू (अदरक) की खेती बहुतायत में होती थी. इसी तरह मक्कावाला में मक्का की खेती बहुतायत में होती थी, इसलिए इसका नाम मक्कावाला पड़ा.
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देहरादून के 'वाला' शहरःभानियावाला, लच्छीवाला, रायवाला, बल्लीवाला, नथुआवाला, भाऊवाला, सालावाला, बंजारावाला, पित्थुवाला, मेंहुवाला, नीलवाला, हरबंस वाला, डालनवाला, हर्रावाला, मानसिंह वाला, खैरी मानसिंह वाला, तिमली मानसिंह वाला, गुमानीवाला, अधोईवाला, लोहारवाला, तुंतोवाला, बकरालवाला, चुक्खुवाला, धामावाला, धर्तावाला, अंबीवाला, मोथरोवाला, भंडारीवाला,डांडा खुदानेवाला, मंगलूवाला, डांडा नूरीवाला, ब्रह्मावाला, किद्दूवाला, सुंदरवाला, मोहब्बेवाला, भारूवाला ग्रांट, हरभजवाला.
मोरूवाला, बनियावाला, सभावाला, कुड़कावाला, सुद्धोवाला, छिद्दरवाला, धर्मावाला, बुल्लावाला, रांझावाला, मातावाला बाग, बदामावाला, बैरागीवाला, बालूवाला, भोजावाला, बरोटीवाला, बुलाकीवाला, पीरवाला, जट्टोवाला, जस्सोवाला, ढालवाला. कलुआवाला, रामसावाला, हरियावाला, सलियावाला, मांडूवाला, भानवाला, कैंचीवाला, राजावाला, पौडवाला, सिंहनीवाला, पेलियो नाथूवाला, पाववाला, केशोवाला, डौंकवाला, बाजावाला, जमनीवाला, फांदूवाला, विजयपुर गोपीवाला, खेड़ा गोपीवाला, नागल बुलंदावाला.
होरावाला, जमोलीवाला, मिस्सरवाला, नालीवाला, सलोनीवाला, रैणीवाला, भट्टोंवाला, माधोवाला, मारखम डैशवाला, कन्हारवाला, अठूरवाला, चक जोगीवाला, सेमलवाला, सारंदर वाला, केशरवाला, बांडावाला, पालावाला, कालूवाला, बाढ़वाला (बाड़वाला), नूनावाला, राजावाला, मसंदावाला, केदारावाला, गजियावाला, झबरावाला, पेलीवाला, लक्खनवाला नेवट, भीमावाला आदि.