देहरादूनः हिंदी सिनेमा के अभिनेता आयुष्मान खुराना की लेखक पत्नी ताहिरा कश्यप खुराना भी देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचीं थीं. जहां उन्होंने अपने जीवन के अनछुए पहलुओं को साझा किया. ताहिरा ने बताया वो डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन लिखने के शौक ने उन्हें लेखक बना दिया.
लेखक ताहिरा ने कहा कि दुनिया में अलग-अलग प्रकार के लोग होते हैं. इसमें विशेषत वो दो प्रकार के लोग होते हैं, जिसमें एक जो कि अपने जीवन का ध्येय पहले ही बना लेते हैं कि उन्हें जीवन मे क्या करना है और वो किसलिए बने हैं. वहीं, दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें यह नहीं पता होता है कि वो जीवन में क्या बनना चाहते हैं? ताहिरा कश्यप खुराना ने इस दोनों विशेष श्रेणी में अपने आप को दूसरी श्रेणी में रखा. उन्होंने कहा कि उन्हें कभी नहीं पता था कि वह एक लेखक भी बनेंगी.
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वहीं, देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी लिखी गई किताब द 7 सिन्स ऑफ बीइंग ए मदर पर चर्चा की. जो कि उन्होंने मदरहुड पर लिखी है. इस किताब में ताहिरा ने अपने जीवन से जुड़े कई व्यक्तिगत घटनाओं का भी जिक्र किया है. जो काफी मजेदार भी हैं. उन्होंने कहा कि अभ्यास ने मुझे अपने कठिन दिनों से बाहर निकलने और एक सशक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी.
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बता दें कि ताहिरा कश्यप खुराना 'शर्मा जी की बेटी' फिल्म के साथ बॉलीवुड में अपने निर्देशन का डेब्यू भी कर रही हैं, जो कि इस साल जुलाई तक पर्दे पर आ सकती है. साथ ही देहरादून में ताहिरा के प्रशंसकों ने उनके साथ फोटो खिंचवाई और उनका ऑटोग्राफ भी लिया. वहीं, देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में एक्टर से लेखक बने तुषार कपूर, गीतकार प्रसून जोशी, गायक सोनू निगम, रस्किन बांड, सीमा आनंद, कुणाल वर्मा, समेत इम्तियाज अली जैसे बड़े साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया.