देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश में 17 मई तक लॉकडाउन है. ऐसे मेंं केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सुबह 7:00 बजे से शाम के 4 बजे तक कुछ दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है. इसी के तहत मंगलवार को राजधानी देहरादून में हार्डवेयर की दुकानों के साथ ही कई वर्कशॉप आदि खोले गए. वहीं, दूसरी तरफ अनुमति मिलने के बाद भी शहर में सभी मिठाई की दुकानें बंद दिखाई दी.
प्रदेश सरकार से नाखुश हैं राजधानी के मिठाई व्यापारी गौरतलब है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत सभी मिठाई की दुकानों को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को खोलने की अनुमति प्रदान की गई है. लेकिन शहर के मिठाई व्यापारी केंद्र सरकार की इस गाइडलाइन से बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं. स्थानीय मिठाई व्यापारियों की मांग है कि उनकी दुकानों को हर दिन खोले जाने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए. इसके तहत देहरादून हलवाई समिति की ओर से जिलाधिकारी देहरादून को एक ज्ञापन सौंपा है.
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देहरादून हलवाई समिति के प्रधान आनंद स्वरूप गुप्ता के मुताबिक यदि मिठाई व्यापारी अपनी दुकानों को 1 दिन के अंतराल के बाद खोलते हैं तो इससे इस एक दिन के अंतराल में उनकी मिठाई खराब हो जाएंगी. वहीं ग्राहक भी फ़ूड पॉइज़निंग के डर से 1 दिन पुरानी मिठाइयों को लेना पसंद नहीं करेंगे. ऐसे में समस्त मिठाई व्यापारियों ने जिलाधिकारी देहरादून से मिठाई की दुकानों को सप्ताह में 7 दिन खोले जाने की अनुमति की मांग की है.
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बता दें कि प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण 23 मार्च से पूर्ण लॉकडाउन जारी है. आंकड़ों के अनुसार राजधानी देहरादून में लगभग 140 रजिस्टर्ड मिठाई की दुकानें हैं. लॉकडाउन के चलते देहरादून शहर के सभी मिठाई व्यापारियों को कुल 5 से 6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.