देहरादून/हल्द्वानी: मुख्यमंत्री तीरथ रावत कैबिनेट ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाए जाने के पिछली सरकार का फैसला वापस ले लिया हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड से बाहर करने की बात की है. जिसके बाद से ही मंदिरों से जुड़े तीर्थ-पुरोहित काफी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं, इस बोर्ड के खिलाफ कानूनी लड़ रहे भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी इसे लेकर खुशी जताई है. बात अगर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की करें तो उसका कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को भी हटाने की जरूरत है.
बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2019 में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया था. इस बोर्ड में चारधाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को शामिल किया गया था. इस बोर्ड को अस्तित्व में लाने की मुख्य वजह थी कि प्रदेश के बड़े मंदिर एक बोर्ड के अधीन संचालित हो, जिससे मंदिरों की व्यवस्थायें और बेहतर होगी, लेकिन इस बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद से ही तीर्थ-पुरोहित इसका जमकर विरोध कर रहे है. यही नहीं, इस विरोध में भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इसके खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जताई खुशी
सीएम तीरथ सिंह के फैसले के बाद भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक अलग अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. स्वामी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा का भविष्य अन्य दलों की तुलना में बेहतर है. वो पार्टी की तभी खुलकर आलोचन करेंगे, जब वह स्थापित नीति से विचलित होगी.