ऋषिकेशः त्रिवेणी घाट पर 8 साल के कृष्णा उन लोगों के लिए उदाहरण बन रहा है, जो अपनी आर्थिक तंगी का बहाना बनाकर गलत रास्ता अपनाते हैं या फिर भीख मांगते हैं, लेकिन यहां पर कृष्णा मेहनत कर अपनी पढ़ाई कर रहा है. जो लोगों के लिए एक मिसाल बन रहा है. आपको बताते हैं कृष्णा की कहानी उसी की जुबानी...
अक्सर कई लोग गरीबी और आर्थिक तंगी से परेशान होकर पढ़ाई छोड़ देते हैं. साथ ही कुछ लोग भीख मांगना शुरू कर देते हैं तो कुछ लोग गलत रास्ते चुन लेते हैं, लेकिन ऋषिकेश के मायाकुंड में रहने वाले 8 वर्षीय कृष्णा सभी के लिए एक नजीर पेश कर रहा है. जिसने अपने भविष्य को खुद ही संवारने की ठानी है.
8 वर्षीय कृष्णा की कहानी. यहां कृष्णा सुबह उठकर पहले स्कूल जाता है. फिर त्रिवेणी घाट पंहुचकर वजन तोलने वाली मशीन से लोगों का वजन तोलता है. जिसका वो 2 रुपये चार्ज लेता है. इतना ही नहीं कृष्णा इस दौरान अपनी पढ़ाई भी पूरी करता है. कृष्णा ने बताया कि वो अपनी पढ़ाई को लेकर काफी गंभीर है. इसलिए वह वजन तौलने वाली मशीन के पास ही अपनी किताबों को लेकर समय मिलने पर अपनी पढ़ाई करता है.
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वहीं, कृष्णा ने बताया कि बड़ा होकर एक पुलिस अधिकारी बनना चाहता है. वो पुलिस अधिकारी बनकर समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करेगा. इतना ही नहीं कृष्णा पढ़ाई में भी अव्वल है. जिसके परीक्षा में नंबर भी सबसे ज्यादा आते हैं. कृष्णा कक्षा 3 में पढ़ता है. परिवार में माता-पिता के साथ एक भाई और एक बहन भी हैं. उसके पिता गंगा सभा में कार्य करते है जबकि, माता गृहणी हैं.