देहरादून:उत्तराखंड की जेलों से आपराधिक गतिविधियों का संचालन थमने का नाम नहीं ले रहा है. अल्मोड़ा जेल के बाद पौड़ी कारागार से संचालित होने वाले आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश होने के बाद प्रदेश की अधिकांश जेलों में हड़कंप मचा हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक के बाद एक छापेमारी है.
कुख्यात अपराधी जेल से चला रहे हैं नेटवर्क: जेलों से आपराधिक नेटवर्क का संचालन होना पुलिस-प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय. क्योंकि जेल में अपराधी को सजा के तौर पर मानसिक सुधार के लिए भेजा जाता है. ऐसे में अगर वहां से ही अपराधिक गतिविधियों का संचालन होता है तो जेल का औचित्य ही खत्म हो जाता है. पौड़ी जेल से कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि के नेटवर्क द्वारा हरिद्वार और देहरादून में अपराधिक गतिविधियों के संचालन से साफ जाहिर होता है कि जेल से कैसे कुख्यात अपराधी बाहर अपने नेटवर्क चला रहे हैं.
जेल कर्मियों की मिलीभगत से चल रहा नेटवर्क: एसटीएफ की मानें तो इसकी मुख्य वजह, जेल कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत कर अपराधियों को मोबाइल उपलब्ध कराना है. जिससे अपराधी आसानी से जेल में रहते हुए भी अपने नेटवर्क का संचालन कर रहे हैं. उत्तराखंड जेल आईजी पुष्पक ज्योति ने कहा कि उन्होंने अल्मोड़ा और पौड़ी जेल से संचालित होने वाले आपराधिक नेटवर्क को देखते हुए सभी जेल प्रशासन को सख्त हिदायत दी है. जेलों में किसी भी तरह की कोताही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की गतिविधियां की पुनरावृत्ति जेल से ना हो.
कैदियों की विशेष मॉनिटरिंग करने की जरूरत:उत्तराखंड STF एसएसपी का कहना है कि जेलों से मोबाइल सहित अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर आपराधिक नेटवर्क संचालित करने वाले कैदियों की विशेष मॉनिटरिंग करने की जरूरत है. साथ ही जेल विभाग द्वारा लगातार व्यवस्थाएं अपडेट की जानी चाहिए. इसके अलावा स्थानीय पुलिस से सामंजस्य बनाकर एसटीएफ जेलों से संचालित होने वाले गिरोह को ध्वस्त करने में जुटी हुई है.