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चारधाम यात्रा ने लिए उत्तराखंड सरकार ने जारी की नई SOP, जान लें ये नियम - मानक संचालन प्रक्रिया

नैनीताल हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा में सभी श्रद्धालुओं के दर्शन की अनुमति मिलने के बाद सरकार ने एसओपी जारी कर दी है. बाहरी राज्यों के यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा.

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चारधाम यात्रा

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Published : Oct 5, 2021, 7:28 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 10:22 PM IST

देहरादूनःचारधाम यात्रा के लिए तय सीमित संख्या की बाध्यता को समाप्त करने के बाद उत्तराखंड सरकार ने एसओपी (Standard Operating Procedure) जारी कर दी है. एसओपी के अनुसार, अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना भी अनिवार्य है.

गौर हो कि आज हुई सुनवाई में नैनीताल हाईकोर्ट ने सभी श्रद्धालुओं को चारधाम के दर्शन की अनुमति दे दी है. यात्रियों को कोविड नियमों का पालन करना होगा. इससे पहले हाईकोर्ट ने चारधाम के लिए श्रद्धालुओं के प्रतिदिन दर्शन के लिए संख्या तय की थी. अब चारधाम जाने के लिए तय श्रद्धालुओं का बैरियर हटा दिया गया है. अब जो भी श्रद्धालु चारधाम जाना चाहते हैं, वो जा सकते हैं. उन्हें बस राज्य में लागू कोविड नियमों और गाइडलाइन का पालन करना होगा.

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एसओपी के मुख्य बिंदुःदेहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल smartcitydehradun.uk.gov.in पर राज्य के बाहर से प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. सभी तीर्थयात्रियों की ओर से कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन के बाद का प्रमाण पत्र दिखाने या फिर यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पूर्व की RTPCR /TrueNat/CBNAAT/RAT कोविड नेगिटिव रिपोर्ट लाना होगा. जिसके बाद ही चारधाम यात्रा की अनुमति दी जाएगी.

उत्तराखंड राज्य के भीतर के लोगों को उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है. किसी भी यात्री के पॉजिटिव पाए जाने पर लक्षणों की गंभीरता और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें CCC/DCHC, DCH के लिए रेफर किया जाएगा.

गर्भ गृह में दर्शन की दर्शन की अनुमति नहींःबदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं और यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. वहीं, केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं और यात्रियों तको मात्र दर्शन/प्रदक्षिणा की अनुमित होगी. जबकि, शिवलिंग में जलाभिषेक और घी लेपन आदि पर पूर्ण रूप पाबंदी रहेगी.

सभामंडप में किसी को भी बैठने की अनुमति नहीं होगी. यदि कोई यात्री विशेष पूजा करवाना चाहता है तो पुजारी की ओर से पूजा संपन्न कराई जाएगी, लेकिन पूजा का समय भी दर्शन (धर्म दर्शन) तक निर्धारित समय तक ही होगा.

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निःशुल्क टोकन होगा जारीः देवस्थानम बोर्ड की ओर से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में निःशुल्क मैनुअल दर्शन टोकन मिलेंगे. जिससे तीर्थयात्री निर्धारित समय पर दर्शन कर सकेंगे. वहीं, वीआईपी और तत्काल दर्शन के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे. टोकन लेने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य होगा. दर्शन के लिए लाइन में लगना जरूरी होगा.

श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा. साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग से भी जांच की जाएगी. श्रद्धालुओं और यात्रियों को दर्शन के लिए सीमित समय दिया जाएगा. जबकि, मूर्तियों, घंटियों और पुस्तकों आदि को छूने पर प्रतिबंध रहेगा. मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण और टीका लगाने पर भी पाबंदी रहेगी.

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कोविड-19 प्रोटोकॉल के मद्देनजर धाम में उपलब्ध आवासीय सुविधा, धाम और मंदिर परिसर में उपलब्ध स्थान के हिसाब से सामाजिक दूरी के मानदंडों (6 फीट) का अनुपालन करना होगा. तभी धामों में दर्शन के लिए अनुमति प्रदान दी जाएगी. वहीं, चारधाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों का तमाम जगहों पर चेकिंग से राहत मिलेगी.

Last Updated : Oct 5, 2021, 10:22 PM IST

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