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सावधान! सिंगापुर से उत्तराखंड को चेतावनी, आ सकता है 8+ का भूकंप - Asian Seismological Commission singapore

उत्तराखंड में भूकंप को लेकर सिंगापुर के भूवैज्ञानिकों ने एक बार फिर खतरा जताया है. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में 8 प्लस रिक्टर स्केल का भूंकप आ सकता है. धरती के नीचे छोटी मोटी हलचल से बड़े भूकंप का खतरा टला नहीं है. ऐसे में भविष्य में बड़ा भूकंप आने की आशंका है.

Uttarakhand earthquake
उत्तराखंड भूकंप

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Published : Jul 28, 2022, 12:53 PM IST

Updated : Jul 28, 2022, 8:02 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में भूकंप के छोटे झटके किसी बड़ी आहट के संकेत देते रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भूवैज्ञानिक उत्तराखंड को भूकंप के दृष्टिकोण से जोन-5 में बताते रहे हैं. लिहाजा, अब नए दावों ने उत्तराखंड की भूकंप से जुड़े खतरों को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है. बड़ी बात यह है कि अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उत्तराखंड में रिक्टर पैमाने पर 8 तीव्रता से भी ज्यादा का भूकंप आ सकता है.

सेंट्रल सिस्मिक गैप में है उत्तराखंड: उत्तराखंड जिसे सेंट्रल सिस्मिक गैप कहा गया है, उसमें बड़ा भूकंप आ सकता है. इस बात की आशंका वैज्ञानिकों ने जताई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले लंबे समय से हिमालय क्षेत्र के इस हिस्से में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. इस वजह से उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में जितनी भूकंपीय ऊर्जा भूगर्भ में इकट्ठी हुई है, उसकी केवल 3 से 5 फीसदी ऊर्जा ही बाहर निकल पायी है. यही वजह है कि वैज्ञानिक इस बात की आशंका जता रहे हैं कि भूकंप आ सकता है.

सिंगापुर से उत्तराखंड को चेतावनी.

एशियाई भूकंपीय आयोग सिंगापुर की चेतावनी गंभीर है: हिमालय रीजन में पिछले लंबे समय से छोटे भूकंप जरूर आ रहे हैं, लेकिन बड़ा भूकंप नहीं आया है. अगर 1905 में हिमाचल के कांगड़ा में आए भूकंप की बात करें तो उस भूकंप की तीव्रता 7.8 रिक्टर स्केल पर थी. वहीं, नेपाल में आए भूकंप के बाद से उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. अब ऐसे में वैज्ञानिक इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं कि क्षेत्र में यानी उत्तराखंड रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है. लेकिन कब आएगा यह तय नहीं है. लेकिन आएगा जरूर, इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं. एशियाई भूकंपीय आयोग (Asian Seismological Commission) सिंगापुर के निदेशक परमेश बनर्जी का कहना है कि क्षेत्र में लंबे समय से भूकंप नहीं आया है.
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उत्तराखंड में 6 रिक्टर स्केल से बड़े भूकंप आ चुके हैं: उत्तराखंड में 1991 में उत्तरकाशी में 7.0 रिक्टर व चमोली में 1999 में 6.8 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था. लेकिन उसके बाद से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. हालांकि, छोटे बड़े भूकंप काफी तादाद में आए हैं. अब ऐसे में वैज्ञानिक इस धारणा को भी गलत मानते हैं कि जिस में लगातार छोटे भूकंप आने से बड़े भूकंप का खतरा नहीं होता है.

उत्तराखंड में जीपीएस सिस्टम की सख्त जरूरत: डॉ. परमेश बनर्जी इस बात को एक सिरे से खारिज करते हैं. डॉ. बनर्जी का कहना है कि जापान और चीन में सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं. लेकिन वहां लगातार रिसर्च की जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि जापान में दो हजार से ज्यादा जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं, लेकिन भारत की अगर बात करें तो हिमालय रीजन में जहां सबसे ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, वहां पर इस तरह के सिस्टम नहीं लगे हैं. लेकिन आने वाले समय के लिए इसकी जरूरत है ताकि, वैज्ञानिक इस बात का पता लगा सकें कि इस पूरे हिमालयन रीजन में कैसी भूगर्भीय हलचल है.

विनाशकारी भूकंप.

सबसे बड़ी बात यह है कि पर्यावरणविद और प्रोफेसर एसपी सती भी इस बात को मानते हैं कि 8 से ज्यादा रिक्टर स्केल का भूकंप अभी तक उत्तराखंड या उत्तर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में नहीं आया है. एसपी सती का कहना है कि 1905 का कांगड़ा भूकंप और 15 जनवरी 1934 को बिहार नेपाल बॉर्डर पर आये 8.5 रिक्टर स्केल के भूकंप के बाद अब तक उत्तराखंड रीजन, जिसे सेंट्रल सिस्मिक गैप कहा गया है, इसमें 8 प्लस का भूकंप आ सकता है.

क्यों आता है भूकंपः हिमालय की टेक्टोनिक प्लेटों में होने वाले बदलावों की वजह से यहां झटके लगते रहते हैं. हिमालय के नीचे लगातार हो रही हलचल से धरती पर दबाव बढ़ता है जो भूकंप की शक्ल लेता है. उत्तराखंड रीजन जिसे सेंट्रल सिस्मिक गैप भी कहा गया है, यहां साल 1991 में उत्तरकाशी में 7.0 तीव्रता जबकि 1999 में चमोली में 6.8 रिक्टर स्केल के भूकंप के बाद कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. ऐसे में वैज्ञानिक इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं कि इस क्षेत्र में बड़ा भूकंप आ सकता है, लेकिन कब ये तय नहीं है.

Last Updated : Jul 28, 2022, 8:02 PM IST

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