देहरादून:आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने चार दिवसीय प्रवास पूरा कर देहरादून से वापस दिल्ली लौट गये हैं. इन चार दिनों में भागवत ने उत्तराखंड के कई वर्गों के प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात की. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी आरएसएस प्रमुख से भी बातचीत की.
ऐसा रहा भागवत का चार दिवसीय कार्यक्रम
मोहन भागवत ने प्रवास के पहले दिन यानी 5 फरवरी को उत्तराखंड के साहित्यकारों के साथ चर्चा की. साहित्यकारों में जागर गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, जागर सम्राट पदमश्री प्रीतम भरतवाण, सुप्रसिद्ध लोक गायिका संगीता ढौंडियाल समेत लोक संस्कृति समिति के तमाम पदाधिकारी शामिल रहे. इस बात पर चर्चा हुई कि किस तरीके से साहित्यकारों की क्षमता को समाज की समस्या दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है. साथ ही उत्तराखंड की विलुप्त हो रही परंपराओं पर चर्चा की गई.
प्रवास के दूसरे दिन यानी 6 फरवरी को आरएसएस प्रमुख भागवत ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिवों में मुलाकात की. हालांकि, भागवत से मुलाकात करने गए पांच पूर्व मुख्य सचिवों में से चार मुख्य सचिव अभी संवैधानिक पदों पर हैं. डेढ़ घंटे चली पूर्व मुख्य सचिवों की बैठक में राज्य के विकास पर चर्चा हुई. इस बैठक में सुभाष कुमार, एनएस नपलच्याल, एके जैन, रविशंकर, शत्रुघ्न सिंह शामिल हुए.
इस चर्चा में आरएसएस सरसंघचालक ने कहा कि संघ का कार्य सज्जन सृजित करना है, गौ हत्या न हो इसके लिए सज्जन शक्ति का जागरण करना है. राम मंदिर को लेकर भागवत ने कहा कि राम हमारे आराध्य हैं. राम मंदिर वहीं बने यह विचार हर हिंदुस्तानी का होना चाहिए. उन्होंने कहा कि राम मंदिर और गौ माता हिंदू संस्कृति का आधार हैं. यह काम होगा तो विश्व में हिंदुत्व की पहचान बनेगी.