देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. दूसरी तरफ उपचार के लिए अहम भूमिका निभाने वाली रेमेडिसविर इंजेक्शन की किल्लत से भी उत्तराखंड जूझ रहा है. इसके अलावा उत्तराखंड को पर्याप्त वैक्सीन भी नहीं मिल पा रही है, जिसके कारण वैक्सीनेशन भी प्रभावित हो रहा है.
उत्तराखंड में रेमेडिसविर इंजेक्शन की भी हुई किल्लत मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने प्रदेश में रेमेडिसविर इंजेक्शन की शॉर्टेज को स्वीकार किया है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को 10,000 रेमेडिसविर इंजेक्शन के लिए पत्र लिखा गया था, जिस पर केंद्र ने जानकारी दी कि डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल ने इसके लिए अलग से डेस्क स्थापित किया है.
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मुख्य सचिव ने बताया कि उनकी केंद्र में लगातार बातचीत चल रही है. उन्हें 10,000 रेमेडिसविर इंजेक्शन तो प्राप्त नहीं हो पाएंगे. लेकिन 2000 इंजेक्शन उन्हें अगले कुछ दिनों में केंद्र से उपलब्ध करवा दिया जाएंगे. वहीं, मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में हर दिन 100 इंजेक्शन की खपत हो रही है.
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वहीं, प्रदेश में अब वैक्सीन की भी किल्लत देखने को मिल रही है. कई जिलों में वैक्सीनेशन का काम रुक चुका है.मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि प्रदेश का प्रतिदिन अधिकतम वैक्सीनेशन 1 लाख से ऊपर गया था. उस हिसाब से हमें एक सप्ताह के लिए तकरीबन 7 लाख वैक्सीन की जरूरत है, जो कि अभी पर्याप्त नहीं है.