देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों मुफ्त बिजली दिए जाने के वादे से चुनावी सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जैसे सभी राजनीतिक दल इन दिनों फ्री बिजली के वादे पर सवार होकर 2022 विधानसभा चुनाव जीतने का सपना संजो रहे हैं. अटकलें लगाई जा रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली का मुद्दा काफी अहम होने वाला है. ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है कि फ्री बिजली के वादों के बीच प्रदेश की जनता से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे गायब तो नहीं हो जाएंगे?
विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल जनता से जुड़े तमाम मुद्दों को उठातें हैं. वे इससे संबंधित वादे भी करती हैं. इस बार ऊर्जा मंत्री की ओर से मुफ्त बिजली दिए जाने के दावे के बाद, राजनीतिक पार्टियों ने भी मुफ्त बिजली दिए जाने की घोषणा करते हुए इसके प्रचार-प्रसार में जुट गईं हैं. आम आदमी पार्टी ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने की कवायद भी तेज कर दी है. आप लगातार जनता के बीच अपने इस मुफ्त बिजली के वादे को पहुंचाने के लिए घर-घर जाकर गारंटी कार्ड बांट रही है. जिसमें इस बात का जिक्र है कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के सभी नागरिकों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देगी.
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हरीश रावत ने कही 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सबसे पहले मुफ्त बिजली दिए जाने की बात कही थी. उन्होंने करीब 6 महीने पहले कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो प्रदेश की जनता को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देगी. उस दौरान मुफ्त बिजली के इस वादे पर किसी का इतना ध्यान नहीं गया. ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के 100 यूनिट बिजली मुफ्त दिए जाने के बाद इस मामले की चर्चा तेज हुई. हरक सिंह रावत के वादे के बाद ही आम आदमी पार्टी ने भी 300 यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने की बात कह डाली.
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मुफ्त बिजली के बीच गुम न हो जाए प्रदेश के असल मुद्दे: मुफ्त बिजली दिए जाने की चर्चाएं इन दिनों चारों तरफ है. सभी राजनीतिक पार्टियां मुफ्त बिजली दिए जाने जैसी घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन कोई भी प्रदेश की मुख्य समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. न ही उस पर बात करना चाह रहा है. ऐसे में एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि, क्या आखिर आगामी साल 2022 विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली दिए जाने का मुद्दा ही चर्चाओं में रहेगा. जिस तरह से मुफ्त बिजली को लेकर सियासत चमकाने की कोशिश हो रही है उससे साफ जाहिर है कि आने वाले समय में भी मुफ्त बिजली दिए जाने का मुद्दा अहम रहने वाला है.
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वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा बताते हैं कि वर्तमान समय में मुफ्त बिजली का मुद्दा चर्चाओं में है. इसी मुफ्त बिजली ने सभी राजनीतिक दलों को झटका दिया है. जिसके चलते राजनीतिक दल अपने स्तर पर मुफ्त बिजली देने का वादा कर रहे हैं. इसके कारण प्रदेश में अन्य मुद्दे कहीं गुम से हो गए हैं. शर्मा बताते हैं कि राज्य में बेरोजगारी, अवस्थापना सुविधाओं से जुड़े कार्य, गरीबों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाना, स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा, भू- कानून समेत तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर काम होना बाकी है. मगर जो हालात प्रदेश में अभी बन रहे हैं ऐसे में लग रहा है कि कहीं बिजली के झटके से ये मुद्दे गायब ही न हो जाएं.