ऋषिकेशः उत्तराखंड में बाढ़ से निपटने के लिए एनजीटी के आदेश पर फ्लड जोनिंग सर्वे शुरू कर दिया गया है. इस सर्वे की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को दी गई है. सिंचाई विभाग द्वारा गंगा के किनारे पर नदी की गहराई और चौड़ाई के अनुसार डिमार्केशन किया जा रहा है. डिमार्केशन के बाद नदी के किनारे पर निर्माण प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे.
ऋषिकेश उपजिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एनजीटी द्वारा साइंटफिक तरीके से फ्लड जोनिंग सर्वे के निर्देश जारी किए गए हैं. निर्देश के अनुसार सिंचाई विभाग द्वारा गंगा के किनारे पर सर्वे कर डिमार्केशन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए यह कार्य किया जा रहा है.
गंगा किनारे शुरू हुआ डिमार्केशन. उपजिलाधिकारी का कहना था कि यह सर्वे 3 जोनों में बांटा गया है. जिसमें पूर्व में 25 वर्ष, 50 वर्ष और 100 वर्ष पहले नदी का बहाव क्या था और बाढ़ से कितना नुकसान हुआ था, इसी के मद्देनजर विभाग डिमार्केशन कर रहा है.
यह भी पढ़ेंःदेहरादून: ISBT में लगा गंदगी का अंबार, सफाई व्यवस्था चौपट
उपजिलाधिकारी ने बताया कि पिछले 25 वर्षों में गंगा द्वारा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए डिमार्केशन किया जा रहा है जिसमें नदी के किनारे निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा चाहे वह किसी की निजी भूमि ही क्यों ना हो. वहीं 50 वर्षों और 100 वर्षों वाली स्थिति में कुछ शर्तों के अनुसार ही निर्माण किया जा सकता है.