देहरादून:गृह मंत्रालय में तैनात रहे पूर्व आईएएस अधिकारी कमल टावरी (स्वामी कमलानंद जी महाराज) ने पुलिस प्रशासन की प्रताड़ना और हीलाहवाली का शिकार होते चले आ रहे प्रमोद कुमार वात्सल्य को न्याय दिए जाने की मांग उठाई है. इस संबंध में समाजसेवी राम कुमार अत्री ने प्रमोद कुमार वात्सल्य के साथ मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की और तीरथ सिंह रावत ने पीड़ित पक्ष को प्रधानमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया है.
ये है मामला: उन्होंने बुजुर्ग प्रमोद वात्सल्य के पुत्र एनआरआई अमेरिका निवासी विजय वात्सल्य की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में यहां स्थानीय प्रशासन और पुलिस के डीजीपी पर कई सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही पूर्व आईएएस अधिकारी ने ऐसे मामलों को लेकर समाज में वृद्ध जनों के साथ हो रहे अन्याय पर भी चिंता व्यक्त की है.
गौरतलब है कि प्रमोद वात्सल्य के पुत्र की संदिग्ध मौत, हत्या के आरोप के मामले और पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज न किए जाने को लेकर गहरी चिंता जताई है. इस मौके पर टावरी ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत दुख है कि आखिर स्थानीय पुलिस थाने में एक दुखी 84 वर्षीय प्रमोद कुमार वात्सल्य के पुत्र की मृत्यु के मामले की रिपोर्ट इतने दिन बीत जाने के बावजूद दर्ज नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है.
उन्होंने कहा कि यह ना सिर्फ अमर्यादित है, बल्कि एक सीनियर सिटीजन को मानसिक रूप से पीड़ित करने वाला काम भी है. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि आखिर यहां का पुलिस प्रशासन एक वृद्ध सीनियर सिटीजन व्यक्ति प्रमोद कुमार वात्सल्य के पुत्र विजय की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु के मामले में रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कर रहा है? पूर्व आईएएस अधिकारी का कहना है कि पुलिस-प्रशासन तो न्याय का मंदिर होता है. वह हर सामान्य व्यक्ति की पीड़ा को सुनकर उसे इंसाफ दिलाता है. लेकिन विजय वात्सल्य की संदिग्ध मौत को लेकर पुलिस क्यों कतरा रही है? इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं ? प्रत्येक व्यक्ति का यह संवैधानिक अधिकार है कि वह अपने मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करने का अधिकार रखता है.
समाजसेवी राजकुमार अत्री ने भी विजय कुमार वात्सल्य की संदिग्ध मौत को हत्या करार देते हुए एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि विजय वात्सल्य की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर अमेरिका में हमारे एक सहयोगी मित्र शेखर तिवारी ने यह मामला यूएस सिटीजन सर्विस सीनेट्स और अमेरिका सरकार की एंबेसी में पहुंचा दिया है. शीघ्र ही अमेरिकी सरकार की मदद से भारत सरकार इस मामले में सहयोग के लिए निश्चित रूप से आगे आएगी. उन्होंने कहा कि अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि विजय कुमार की मौत किन परिस्थितियों में हुई है. ऐसे में इस रहस्य से पर्दा उठना जरूरी है.
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