मसूरी: भाजपा मसूरी उपाध्यक्ष राकेश अग्रवाल के आरोपों को छावनी परिषद उपाध्यक्ष महेश चंद और सभासद पुष्पा पडियार ने बेबुनियाद बताया है. छावनी परिषद उपाध्यक्ष महेश चंद और सभासद पुष्पा पडियार ने छावनी परिषद में व्यापक गंदगी को लेकर ठेकेदार और सभासदों के बीच मिलीभगत के आरोपों का जमकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि राकेश अग्रवाल राजनीति से प्रेरित होकर छावनी परिषद के सभासदों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
गंदगी को लेकर सियासत हुई तेज. छावनी परिषद उपाध्यक्ष महेश चंद और सभासद पुष्पा पडियार के साथ मसूरी में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने छावनी परिषद में व्यापक गंदगी को लेकर ठेकेदार और सभासदों के बीच मिलीभगत के आरोप को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि मसूरी छावनी परिषद सबसे ज्यादा साफ छावनी क्षेत्र है. वहीं छावनी परिषद के प्रत्येक वार्डों के घरों से कूड़ा उठाने के साथ सही तरीके से निस्तारण करने का काम किया जा रहा है.
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छावनी परिषद से एकत्रित कूड़े को देहरादून शीशम बाड़ा भेजने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छावनी परिषद की साफ सफाई का काम ठेकेदार द्वारा किया जाता है. जिसको लेकर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया को अपनाया गया है. ऐसे में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार होने का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने बताया कि छावनी परिषद मसूरी देश के दूसरी छावनी क्षेत्र है जहां खुले में शौचमुक्त यानी ओडीएफ के लिए केंद्र सरकार से पुरस्कार भी मिल चुका है.
छावनी परिषद के उपाध्यक्ष महेश चंद्र ने कहा कि बिना किसी सबूत के छावनी परिषद के सभासदों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, जो किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी से पूरे मामले का संज्ञान लेकर छावनी परिषद को बदनाम करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. पुष्पा पडियार ने कहा कि छावनी परिषद में कूड़े को लेकर व्यवस्थित प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
वहीं, सभी घरों से कूड़े को उठाया जा रहा है, उन्होंने कहा कि कई लोग स्वच्छता की बात करते हैं पर उनके द्वारा ही कूड़े उठाने के लिए दिए जाने वाले शुल्क तक नहीं दिया जाता है. वहीं सभासद बादल प्रकाश ने कहा कि छावनी परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर उनके द्वारा कई बार आवाज उठाई गई है. वहीं साफ सफाई का काम देख रही कंपनी के द्वारा छावनी परिषद में कार्यरत कर्मचारी को ही साफ सफाई की जिम्मेदारी दे रखी है .जिससे साफ है कि छावनी परिषद में किस हद तक भ्रष्टाचार व्याप्त है.