देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के नतीजे देश के सामने रखेंगे. देश के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण का ये पांचवां संस्करण है. 2014 में देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को लेकर व्यापक अभियान चलाया है. इसी के तहत हर साल विभिन्न क्षेत्रों में साफ-सफाई के स्तर को लेकर ये राष्ट्रीय सर्वेक्षण जारी किया जाता है. 'स्वच्छ महोत्सव' कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों और राज्यों को कुल 129 पुरस्कार दिए जाएंगे.
स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्तराखंड के नगर निगमों की स्थिति. शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक 28 दिनों में 4242 शहरों, 62 छावनी बोर्ड और गंगा नदी के किनारे स्थित 97 नगरों के सर्वेक्षण में 1.9 करोड़ लोगों ने भागीदारी की. इस दौरान 24 लाख से अधिक जिओटैगिंग फोटो भी एकत्रित किए गए हैं. 28 दिनों में स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के अभियान पूरा हुआ है. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी देश के विभिन्न हिस्सों से स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के तहत चुनिंदा लाभार्थियों, स्वच्छाग्रहियों, और सफाईकर्मियों के साथ बातचीत करेंगे. पीएमओ के मुताबिक पीएम मोदी स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणाम डैशबोर्ड पर लॉन्च करेंगे.
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में उत्तराखंड को पुरस्कार
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में इस बार एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में नगर पंचायत नंदप्रयाग देशभर में प्रथम है. छावनी परिषद की श्रेणी में अल्मोड़ा छावनी परिषद टॉप-3 में शामिल है. उत्तराखंड की नगर पंचायत नंदप्रयाग को स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के सर्वे में देशभर में पहला स्थान प्राप्त हुआ है.
20 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून में वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ हिमानी वैष्णव को सम्मानित करेंगे. अलकनंदा और नंदाकिनी नदी के संगम पर मौजूद नगर पंचायत नंदप्रयाग करीब 3 किलोमीटर में फैला है, इसमें चार वॉर्ड मुनियाली, शकुंतलाबगड़, अपर बाजार और चंडिका मोहल्ला शामिल हैं. नंदप्रयाग में स्वच्छता को लेकर अप्रैल 2019 में सर्वेक्षण शुरू हुआ था, जो 31 जनवरी 2020 तक चला. इसके तहत केंद्र सरकार की टीम ने दो बार नंदप्रयाग का निरीक्षण किया.
2019 में उत्तराखंड के शहरों की स्थिति. ये भी पढ़ें:किसानों को मौसम की मार का मिलेगा पूरा मुआवजा, कृषि विभाग करने जा रहा ये काम
देहरादून नगर निगम की स्थिति
राजधानी देहरादून की साफ-सफाई को लेकर देहरादून नगर थोड़ा एक्टिव है. स्थानीय लोगों का कहना है कि देहरादून के लोगों का कहना है कि बारिश होने के कारण सड़क किनारे रखे कूड़े से बदबू आती है. हालांकि नगर निगम सफाई का काम अच्छा कर रही है, लेकिन सुधार की जरूरत है. वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि राज्य के विभिन्न शहरों में इस बार कई कामों पर विशेष रूप से फोकस किया गया है. पिछली बार की परफॉर्मेंस में उत्तराखंड के शहरों ने सुधार किया था. इस बार शहरों की रैंकिंग में और भी सुधार की स्थिति है.
हल्द्वानी नगर निगम की स्थिति
हल्द्वानी नगर निगम में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, कूड़ा निस्तारण और नगर निगम में शामिल हुए नए वार्डों से कूड़ा उठाने की व्यवस्था ठीक नहीं है. यहां तक कि सूखा और गीला कूड़ा उठाने की व्यवस्था भी नगर निगम के पास उपलब्ध नहीं है. हल्द्वानी के लोगों का कहना है कि नगर निगम ने सफाई के नाम पर कोई बड़ा काम नहीं किया गया है.
गौलापार में बने कूड़ा घर के चलते आसपास के इलाकों में गंदगी फैली हुई है. हालांकि उत्तराखंड के दूसरे सबसे बड़े हल्द्वानी नगर निगम के मेयर जोगेंद्र रौतेला का कहना है कि अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में हल्द्वानी नगर निगम को अच्छा अंक प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि पिछले साल देश में हल्द्वानी नगर निगम का 350वां स्थान था और प्रदेश में हल्द्वानी नगर निगम तीसरे नंबर था. ऐसे में नगर निगम अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर-1 पर आने के लिए पूरा प्रयास करेगा.
ये भी पढ़ें:मॉडल विलेज को लेकर राज्यपाल ने की बैठक, कहा- जल्द गांवों का करेंगी निरीक्षण
हरिद्वार नगर निगम की स्थिति
धर्मनगरी हरिद्वार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन को आते हैं. ऐसे में हरिद्वार शहर को साफ-सुथरा रखना नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती है. 2019 में हरिद्वार स्वच्छ सर्वेक्षण में 376वां स्थान पर था. फिलहाल हरिद्वार में डोर-टू-डोर कूड़ा इकट्ठा किया जाता है. हरिद्वार के सहायक नगर आयुक्त तनवीर सिंह ने कहा कि हरिद्वार की साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं.
हरिद्वार के सहायक नगर आयुक्त शहर को साफ-सुथरा रख स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल होने का दावा कर रहे हैं. वहीं, हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा के मुताबिक शहर की साफ-सफाई बेहतर तरीके से चल रही है. अगले सर्वेक्षण में हरिद्वार नगर निगम अपनी रैंकिग में जरूर सुधार करेगा.
काशीपुर नगर निगम की स्थिति
स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में काशीपुर को 257वीं रैंक हासिल हुई थी. स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में 425 शहरों की नेशनल रैंकिग में 308वें स्थान पर काबिज रहा. काशीपुर के लोगों के मुताबिक शहर की सबसे प्रमुख समस्या जलभराव की है. लक्ष्मीपुर माइनर स्थानीय लोगों के लिए आफत खड़ी करती रहती है. काशीपुर नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी गौरव कुमार सिंघल का कहना है कि कि शहर में साफ-सफाई के लिए घर-घर जाकर कूड़े का कलेक्शन किया जा रहा है और सर्वेक्षण में रैंकिंग को सुधारने का प्रयास किया जाएगा.
स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में उत्तराखंड की स्थिति
स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में उत्तराखंड का गौचर सबसे साफ गंगा टाउन बना है. गौचर उत्तराखंड के चमोली जिले की कर्णप्रयाग तहसील में स्थित एक छोटा सा कस्बा है. वहीं, स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 (ग्रामीण) में उत्तर भारत के अंतर्गत रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि को स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला था. उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है, जब रुद्रप्रयाग के किसी शहर को स्वच्छता के मामले में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है.