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होम्‍योपैथिक बिल 2020 के पास होने से चिकित्सकों के खिले चेहरे, शिक्षा की गुणवत्ता में आएगा सुधार

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Published : Oct 1, 2020, 8:26 PM IST

संसद में पास हुए होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2020 से चिकित्सा के क्षेत्र में और पारदर्शिता आ सकेगी. इस विधेयक की वजह से अब देश में होम्योपैथिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सकेगा.

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होम्‍योपैथिक बिल 2020 के पास होने से चिकित्सकों के खिले चेहरे

देहरादून:होम्‍योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में आवश्यक नियामक सुधार सुनिश्चित करने के लिए कुछ दिन पहले ही राज्यसभा में होम्योपैथिक केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2020 पारित किया गया है. इसे विधेयक के पास होने के बाद होम्‍योपैथि के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बदलाव होंगे. ऐसे में अब देश के साथ ही प्रदेश के होम्योपैथी चिकित्सकों में भी उम्मीद की नई किरण जगी है.

बता दें कि होम्योपैथिक केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2020 की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस बिल के पास होने से अब होम्योपैथी के छात्रों को कम फीस में बेहतर शिक्षा मिल सकेगी. साथ ही इस विधेयक के पास होने के बाद किसी भी रजिस्टर्ड होम्योपैथी कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद छात्रों को एक विशेष एग्जिट टेस्ट से गुजरना पड़ेगा. जिसके बाद ही यह छात्र आगे प्रैक्टिस कर सकेंगे. जिससे सीधे होम्योपैथिक चिकित्सकों की गुणवत्ता में सुधार होगा.

होम्‍योपैथिक बिल 2020 के पास होने से चिकित्सकों के खिले चेहरे

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संसद में पास हुए होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2020 को लेकर जब हमने कुछ स्थानीय होम्योपैथिक चिकित्सकों से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि अब देश में होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में और पारदर्शिता आ सकेगी. होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. प्रणव ममगाईं के मुताबिक इस विधेयक की वजह से अब देश में होम्योपैथिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सकेगा. इसके साथ ही केंद्र होम्योपैथी परिषद मनमर्जियां भी अब कम होगी, क्योंकि इस विधेयक के तहत अब केंद्र होम्योपैथी परिषद के स्थान पर राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग का गठन कर दिया गया है.

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होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2020 की प्रमुख बातें

  • केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के स्थान पर राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग का गठन.
  • शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए होम्योपैथी के क्षेत्र से ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट से गुजरना होगा.
  • होम्योपैथी शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता में होगा सुधार.
  • देशवासियों को किफायती दाम पर होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का लाभ मिल सकेगा.

बता दें कि चिकित्सा के क्षेत्र में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति कई खतरनाक और पुरानी बीमारियों को दूर करने में कारगर है. मगर दुर्भाग्यवश इस चिकित्सा पद्धति के गुणों से बहुत कम लोग वाकिफ हैं. होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. गौतम पंवार के मुताबिक, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति देश में बेहतर पहचान दिलाने की सख्त जरूरत है. कोरोना से बचाव में भी होम्योपैथी दवाएं काफी लाभदायक साबित हुई हैं.
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वहींं, होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. अक्षय पैन्यूली के मुताबिक इस बिल के माध्यम से होम्योपैथी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा. उन्होंने कहा सरकारों को चाहिए कि होम्योपैथी के छात्रों के लिए ज्यादा से ज्यादा जॉब वैकेंसी लाये. उन्होंने कहा वर्तमान में पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में स्थिति कुछ यह है कि प्रदेश में साल 2010 के बाद से होम्योपैथिक चिकित्सकों के लिए कोई सरकारी जॉब वैकेंसी नहीं निकाली गई है. जबकि प्रदेश में 1000 पंजीकृत डॉक्टर मौजूद हैं. इसमें भी कई चिकित्सक ऐसे हैं जो पहाड़ में अपनी सेवाएं देने को भी तैयार हैं.

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