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पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फांसी पर ICJ ने लगाई रोक

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर आज इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने बड़ा फैसला सुनाया है. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को कथित जासूस के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ भारत ने ICJ में अपील की थी.

कुलदीप

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Published : Jul 17, 2019, 6:45 PM IST

हेग:जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में कैद कुलभूषण जाधव पर नीदरलैंड के हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने बड़ा फैसला सुनाया है. कुलभूषण जाधव की फांसी पर ICJ ने रोक लगा दी है. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को 'दबाव वाले कबूलनामे' के आधार पर मौत की सजा सुनाने को भारत ने ICJ में चुनौती दी थी. फैसला कोर्ट के अध्यक्ष और जज अब्दुलकवी अहमद युसुफ पढ़कर सुनाया.

जानें पूरा घटनाक्रम-

  • 3 मार्च 2016 को पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण जाधव की गिरफ्तार करने का दावा किया.
  • पाक फौज ने दावा किया कि जाधव भारतीय जासूस है और उसे दक्षिणी बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है.
  • पाकिस्तान ने भारत को 25 मार्च 2016 को ऑफिसियली कुलभूषण जाधव के बारे में बताया और जासूसी करने को लेकर समन जारी किया. वहीं भारत ने जाधव को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. भारत ने दावा किया कि वे नौसेना के एक रिटायर्ड अफसर हैं. उनका ईरान में कार्गो का व्यापार है. पाकिस्तान ने उन्हें वहीं से गिरफ्तार किया और उनकी बलूचिस्तान से झूठी गिरफ्तारी का दावा किया. भारत ने पाकिस्तान से जाधव को दूतावास मदद देने के लिए कहा. अगले एक साल के दौरान भारत ने 16 बार जाधव के लिए यही मदद मांगी, लेकिन पाकिस्तान लगातार ठुकराता रहा.
  • 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी और तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर जाधव को मौत की सजा सुनाई. भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए इसे पूर्व निर्धारित मर्डर बताया.
  • 20 अप्रैल 2017 को भारत ने आधिकारिक रूप से पाकिस्तान से जाधव के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही के साथ-साथ अपील प्रक्रिया का विवरण मांगा.
  • 27 अप्रैल 2017 को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से जाधव के परिवार को वीजा देने की अपील की.
  • जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने के खिलाफ 8 मई 2017 को भारत ने नीदरलैंड के हेग में स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत में अपील की.
  • (ICJ) ने 9 मई 2017 को जाधव की सजा पर स्टे दे दिया. तात्कालिक राहत के बाद अगले दिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने ICJ में जाधव को अवैध तरीके से कैद में रखने को लेकर अपील की.
  • 18 मई 2017 को ICJ ने पाकिस्तान को जाधव की सजा पर रोक लगाते हुए अपने अंतिम फैसले को टाल दिया. कोर्ट में भारत की ओर से हरीश साल्वे ने पैरवी की. वहीं पाकिस्तान ने कहा कि ICJ के आदेश से जाधव केस में कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
  • 22 जून 2017 को जाधव ने पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख के सामने दया याचिका रखी. सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि जाधव ने बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों की बात मानते हुए उसके साथ दया याचिका दायर की है.
  • काउंसलर एक्सेस की ढेर सारी कोशिशों के बाद 10 नवंबर 2017 को पाकिस्तान मानवीय आधार पर जाधव को उनकी पत्नी से मिलने की इजाजत देने के लिए राजी हुआ. इसके लिए 25 दिसंबर की तारीख तय की.
  • 18 से 21 फरवरी 2019 हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई के दौरान भारत और पाकिस्तान ने अपना-अपना पक्ष रखा. इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई.
  • 4 जुलाई 2019 को यानी ICJ ने बताया कि कोर्ट प्रमुख अब्दुलकवी अहमद यूसुफ 17 जुलाई 2019 को फैसला सुनाएंगे.

ICJ में 16 जजों में से भारत के रहने वाले जज जस्टिस दलवीर भंडारी भी शामिल हैं. वहीं इस केस में पाक ने भी मांग की उसके देश से एक जज की नियुक्ति की मांग की. ICJ ने पाक की मांग पर गौर करते हुए इस केस के मद्देनजर के चीफ जस्टिस के तौर पर एक साल काम कर चुके तस्सदुक हुसैन जिलानी को जज नियुक्त किया.

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