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सवालों में पुलिस की कार्रवाई, जहरीली शराब से अबतक 50 से ज्यादा लोग गंवा चुके हैं जान - Uttarakhand liquor case

जहरीली शराब कांड से फिर पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं. वहीं प्रदेश में अबतक जहरीली शराब पीकर मरने वालों का सरकारी आंकड़ा 50 से ज्यादा पहुंच चुका है लेकिन हकीकत यह है कि अब भी शराब के बड़े माफिया पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.

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Published : Sep 22, 2019, 1:44 PM IST

Updated : Sep 23, 2019, 2:41 PM IST

देहरादून: राजधानी के पथरिया पीर मोहल्ले में जहरीली शराब कांड ने शासन-प्रशासन की नींद उड़ा दी है. वहीं जहरीली शराब से मौत के मामले में 48 घंटे बाद भी पुलिस शराब तस्करों तक नही पहुंच पाई है. हालांकि, गौरव नाम के शख्स को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन बड़े माफिया अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. वहीं, प्रदेश में अबतक जहरीली शराब पीकर मरने वालों का सरकारी आंकड़ा 50 से ज्यादा पहुंच चुका है.

मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर.

गौर हो कि राजधानी देहरादून में शहर के बीचो-बीच जहरीली शराब से मौत के मामले में पुलिस ने गौरव नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. गौरव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अपनी पीठ थपथपाई रही है. लेकिन हकीकत यह है कि अब भी शराब के बड़े माफिया पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. मामले में फिलहाल पुलिस शेखर उर्फ राजा और अजय सोनकर उर्फ घोंचू की तलाश कर रही है. बताया जा रहा है कि यही दो शख्स क्षेत्र में लंबे समय से अवैध शराब का कारोबार कर रहे थे.

पढ़ें-जहरीली शराब मामलाः मुख्य आरोपियों में पूर्व भाजपा पार्षद, लंबे समय से कर रहा अवैध कारोबार

पुलिस पर उठ रहे सवाल

सवाल यह है कि लंबे समय से अवैध शराब की शिकायत के बावजूद के क्षेत्र में इन बड़े शराब तस्करों पर आबकारी और पुलिस विभाग ने कार्रवाई क्यों नहीं की? मामले में आरोपी अजय सोनकर भाजपा का नेता है और भाजपा के टिकट पर क्षेत्र में पार्षद भी रह चुका है. बताया जा रहा है कि भाजपा के कुछ बड़े चेहरे आरोपी अजय सोनकर के करीबी हैं, और अजय सोनकर पर पुलिस की ढीली पकड़ की एक वजह यह भी है. हालांकि पुलिस जल्द इन दोनों की गिरफ्तारी का भी दावा कर रही है. वहीं उत्तराखंड में जहरीली शराब से मौत के मामले साल 2019 में बेहद ज्यादा सुर्खियों में रहा है.

इतने मामले आ चुके हैं सामने

इस साल 7 फरवरी 2019 को हरिद्वार में भगवानपुर तहसील क्षेत्र के बल्लूपुर गांव में जहरीली शराब का मामला सामने आया था. इसमें कुल 43 लोगों की मौत हो गई थी जबकि यूपी से सटे इस क्षेत्र में परोसी गई जहरीली शराब से यूपी के सहारनपुर में करीब 100 लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में कुल 17 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था और एक एक सदस्यीय जांच आयोग भी गठित की गई थी. वहीं 3 मार्च 2019 में जहरीली शराब का दूसरा मामला चंबा में सामने आया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी.सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार यह प्रदेश का इस साल में तीसरा मामला है, जब 6 लोग जहरीली शराब से अपनी जान गंवा चुके हैं.

बढ़ता जा रहा मौत का आंकड़ा

उत्तराखंड में जहरीली शराब से इस साल अबतक 50 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जहरीली शराब से मौत की घटना सामने आने के बाद भी कुम्भकरणीय नींद से जागे प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की है. इस साल कुल 3623 बार छापेमारी की कार्रवाई की गई है, जिसमें 112 अवैध शराब की भट्टियां को बरामद किया गया. इस दौरान कुल 152583 लीटर शराब नष्ट की गई जबकि 236 अभियुक्तों को भी गिरफ्तारी किया गया. जहरीली शराब के मामलों पर 256 अभियोग प्रदेश में पंजीकृत किए गए हैं. साथ ही 4225 लीटर कच्ची शराब भी छापेमारी के दौरान बरामद की गई है.

नींद से जागी पुलिस

राजधानी देहरादून में जहरीली शराब का मामला सामने आने के बाद भी लगातार छापेमारी की कार्रवाई जारी है. देर रात इस मामले को लेकर 5 आबकारी विभाग के सिपाहियों को सस्पेंड किया गया है. इससे पहले पुलिस विभाग तीन अधिकारियों पर सस्पेंशन की कार्रवाई कर चुका है. इसी तरह आबकारी विभाग में भी तीन निरीक्षकों को सस्पेंड किया गया है. वहीं सवाल उठता है कि कब प्रदेश में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला कम होगा और पूर्ण रूप से इस अवैध कारोबार पर लगाम लगेगी.

Last Updated : Sep 23, 2019, 2:41 PM IST

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