देहरादून: उत्तराखंड में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने अनाथ बच्चों के रोजगार को लेकर बड़ी पहल करते हुए उन्हें आरक्षण की श्रेणी में रखने का आदेश तो जारी कर दिया था. लेकिन उसका लाभ इन बच्चों को कुछ तकनीकी पेंच के चलते नहीं मिल पा रहा था, लिहाजा अब अनाथ बच्चों के रोजगार को लेकर लिए गए उस फैसले में आ रही समस्याओं को अब दूर कर दिया गया है, जिससे ऐसे बच्चों को भविष्य में इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
प्रदेश में अनाथ बच्चों के लिए शासन की तरफ से नया आदेश जारी कर दिया गया है. इस आदेश के अनुसार अब राज्य में ऐसे बच्चों को इसका लाभ मिलेगा. जिनके माता-पिता की मृत्यु होने के बाद वे अनाथ हो गए हो गए थे. इस दौरान ऐसे बच्चे की उम्र 21 साल तक होने पर ही उस को इसका लाभ मिल पाएगा.
हालांकि पूर्व की बीजेपी सरकार ने अनाथ बच्चों को रोजगार के लिहाज से फायदा देने के मकसद को लेकर इसका निर्णय ले लिया था और इस पर बकायदा आदेश भी जारी किया गया था. लेकिन आरक्षण में जातीय रूप से समस्या आने के कारण इन बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था. हालांकि अब इसका रास्ता भी साफ हो गया है.
पढ़ें-उत्तराखंड में चार रोडवेज डिपो के मर्जर का फैसला रद्द, परिवहन मंत्री ने जताई नाराजगी
विचार-विमर्श के बाद तय किया गया है कि जिन बच्चों की जाति का पता नहीं होगा उन्हें अनारक्षित श्रेणी में इसका लाभ दिया जाएगा. जबकि जिन बच्चों की जाति की जानकारी होगी, उन्हें उसी जाति के तहत 5 प्रतिशत में समायोजित किया जाएगा. बता दें कि महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य की तरफ से ही इसको लेकर एक पहल की गई थी और अब उन बच्चों को लाभ मिलने से जुड़े इस आदेश के बाद विभागीय मंत्री ने भी खुशी जाहिर की है.