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बजट सत्र शुरू होते ही 'फ्रंटफुट' पर विपक्ष, देहरादून विधानसभा पर ताला जड़ने की कोशिश

बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष ने सदन से सड़क तक जोरदार हंमागा किया. चुनावी साल से पहले पेश होने वाले बजट को लेकर सरकार ही नहीं विपक्ष भी पूरी तैयारी के साथ उतरा है.

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बजट सत्र शुरू होते ही 'फ्रंटफुट' पर विपक्ष

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Published : Mar 1, 2021, 7:55 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 10:28 PM IST

देहरादून: जहां एक ओर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने सदन के अंदर हंगामा किया तो वहीं देहरादून में भी कांग्रेसी ताला-चाभी लेकर विधानसभा पहुंचे और भवन पर ताला लगाने का प्रयास किया. भराड़ीसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में सर्वदलीय और सर्वपक्षीय विरोध प्रदर्शन किया गया.

बजट सत्र शुरू होते ही 'फ्रंटफुट' पर विपक्ष

सर्वदलीय प्रदर्शन

राजधानी देहरादून स्थित विधानसभा भवन के बाहर किए गए प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान, सीपीआई के समर भंडारी समेत कई कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे. सभी दलों ने भराड़ीसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राजधानी के नाम पर 'ग्रीष्म-शीत सब धोखा है, भराड़ीसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करो मौका है' जैसे नारे लगाते हुए विधान भवन द्वार तक पहुंचे. यहां पर पुलिस प्रशासन के साथ प्रदर्शनकारियों की तीखी नोकझोंक हुई.

विधानसभा पर ताला लगाने पहुंचे किशोर.

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विधानसभा पर ताला जोड़ने की कोशिश

तमाम कार्यकर्ता किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में विधानसभा के द्वार पर ताला जड़ने की कोशिश करते रहे. इस मौके पर किशोर उपाध्याय ने कहा कि, उत्तराखंड छोटा राज्य होने के साथ-साथ एक गरीब राज्य है. ऐसे में दो-दो राजधानियों का खर्चा वहन करने की स्थिति नहीं है. उनका कहना था कि विधानसभा के द्वार पर ताला जड़ने की कोशिश की जा रही है क्योंकि जब सारी सरकार भराड़ीसैंण में है तो देहरादून की विधानसभा में स्टाफ की लंबी फौज का क्या औचित्य है. इस विधानसभा में ताला लगाना इसलिए जरूरी है ताकि सरकार तक यह संदेश जाए कि भविष्य में गैरसैंण के भराड़ीसैंण से ही राजधानी संचालित होनी चाहिये.

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धोखा है दो राजधानियां

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि गैरसैंण के भराड़ीसैंण को मात्र ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर सरकार ने न सिर्फ राज्य के आंदोलनकारियों का अपमान किया है बल्कि इस आंदोलन के दौरान शहादत देने वालों की भावनाओं को भी आहत किया है. सरकार के इस निर्णय से 20 सालों से लंबित स्थायी राजधानी का मुद्दा एक बार फिर लटक गया है.

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भराड़ीसैंण में भी विरोध प्रदर्शन

इसके अलावा भराड़ीसैंण में नंदप्रयाग-घाट मोटरमार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. भराड़ीसैंण में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन के साथ हल्का बल प्रयोग भी किया. बता दें कि करीब तीन महीने से नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग को डेढ़ लेन करने की मांग को लेकर स्थानीय लोग धरने पर बैठे हुए हैं. सोमवार को भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दौरान सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उन्होंने विधानसभा भवन कूच करने की कोशिश की थी. लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन के साथ हल्का बल प्रयोग भी किया.

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स्थाई राजधानी का मुद्दा हो, या फिर रोजागार की बात, विपक्ष चुनाव से ठीक पहले अपने हाथ से कोई ऐसा मुद्दा नहीं जाने देना चाहता, जिससे वो सरकार को घेरने में पीछे रहे, खैर अभी तो बजट सत्र का ट्रेलर ही देखा गया है, पक्ष और विपक्ष की ओर से अभी आने वाले दिनों में पूरी फिल्म बाकी है.

Last Updated : Mar 1, 2021, 10:28 PM IST

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