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अब राजाजी टाइगर रिजर्व में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें - Commissioner of Northern Railway

अब हरिद्वार-देहरादून और रायवाला-ऋषिकेश के बीच ट्रेनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से संचालित की जाएगी, जिससे यात्रियों को देहरादून से हरिद्वार पहुंचने में अब करीब एक घंटे का समय लगा करेगा.

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Published : Jan 7, 2021, 3:24 PM IST

देहरादून:देहरादून से हरिद्वार पहुंचने में यात्रियों को डेढ़ घंटे का समय लगता है, लेकिन अब रेलवे ने फैसला किया है कि हरिद्वार-देहरादून और रायवाला-ऋषिकेश के बीच ट्रेनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से संचालित की जाएगी. ट्रेनों की 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार होने के बाद यात्रियों को देहरादून से हरिद्वार पहुंचने में करीब एक घंटे का समय लगा करेगा. उत्तर रेलवे के आयुक्त ने ट्रेनों के 100 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार की गति से संचालित करने की अनुमति दी है.

वहीं, राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक ने इस अनुमति पर आपत्ति जताई है. निदेशक का मानना है कि पहले में किए गए फैसलों का उल्लंघन किया जा रहा है. इस संबंध में रेलवे के आला अधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा.

बता दें कि हरिद्वार-देहरादून और रायवाला-ऋषिकेश के बीच अक्सर हाथी, बाघ, तेंदुआ और हिरण जैसे वन्यजीव रेलवे ट्रैक पर आते रहते हैं, जिसके चलते रेलवे ने पहले फैसला लिया था कि इन दोनों ट्रैक पर ट्रेन की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रहती थी, लेकिन ट्रेनों की गति कम होने के कारण से हरिद्वार से देहरादून पहुंचने में यात्रियों को डेढ़ घंटे का समय लगता है, जिसके चलते रेलवे ने दोनों रेलवे ट्रैकों के बीच ट्रेनों की अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे करने का फैसला किया है.

वहीं, देहरादून-हरिद्वार पर तेज रफ्तार ट्रेनों की चपेट में आकर पिछले दो दशक में 17 हाथियों की जान जा चुकी है. हालांकि, हाथी सहित अन्य वन्य जीव रेलवे लाइनों की तरफ ना जाएं, इसको लेकर टाइगर रिजर्व प्रशासन ने एहतियाती तौर पर कदम उठा रखे हैं.

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इस मामले में राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डीके सिंह ने बताया कि पूर्व में तय किए गए फैसले का उल्लंघन किया जा रहा है. पहले हुए फैसले में टाइगर रिजर्व क्षेत्र में ट्रेनों की अधिकतम गति 35 किलोमीटर प्रति घंटा थी. अगर ट्रेनों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे की हो जाती है तो वन्यजीवों के ट्रेनों की चपेट में आने का खतरा और बढ़ जाएगा, जिसके चलते रेलवे के आला अधिकारियों के साथ पत्राचार किया जा रहा है.

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