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अब देहरादून पेट्रोलियम संस्थान और एम्स में भी होगा कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच

कोरोना वायरस को लेकर राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं, कोरोना संदिग्धों के ब्लड सैंपल की जांच अब देहरादून पेट्रोलियम संस्थान और ऋषिकेश एम्स में भी होगी. गौरतलब है कि अभी तक मात्र हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच हो रही थी.

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सैंपल की होगी जांच

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Published : Mar 24, 2020, 9:13 PM IST

Updated : Mar 24, 2020, 10:55 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इसके तहत अब कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए दो अतिरिक्त लैब निर्धारित की गई है. ऐसे में अब मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के अलावा देहरादून पेट्रोलियम संस्थान (Indian institute of Petroleum, dehradun)और ऋषिकेश एम्स में भी COVID-19 संक्रमण की जांच की जाएगी.

हालांकि, उत्तराखंड राज्य में अभी तक मात्र हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज मे ही कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की जा रही थी. जिस वजह से हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज पर दबाव बढ़ने के साथ अधिक समय भी लग रहा था. ऐसे में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब देहरादून स्थित पेट्रोलियम संस्थान और ऋषिकेश एम्स में भी कोरोना वायरस के सैंपल की जांच होगी.

कोरोना वायरस को देखते हुए 3 मेडिकल कॉलेज किए गए रिज़र्व

कोरोना वायरस के फैलने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार अभी से ही एहतियातन मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, देहरादून और श्रीनगर को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए रिजर्व कर दिया है. यहीं नहीं अब इन मेडिकल कालेजों के शेष विभाग अन्य चिकित्सालयों में शिफ्ट करा दिए जायेंगे. इसके साथ ही इन तीनों मेडिकल कॉलेजों के विभागाध्यक्षों को आगामी तीन माह के लिए चिकित्सकों की रिक्त पदों को भरे जाने का भी अधिकार दे दिया है.

जरूरतमंद लोगों के खाद्यान्न के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से बजट स्वीकृत

कोरोना वायरस से बचने के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को लॉकडाउन कर दिया है. जिसके चलते तमाम श्रमिकों और जरूरतमंद व्यक्तियों को मूलभूत खाद्य सामग्री के लाले पड़ गए हैं. जिसे देखते हुए अब उत्तराखंड सरकार ने ऐसे व्यक्तियों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के लिए मैदानी जनपदों को 3-3 करोड़ के साथ ही पर्वतीय जनपदों के लिए 2-2 करोड़ की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत कर दी है. जो सभी जिलों के जिलाधिकारियों को दिए जाएंगे ताकि जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा सके.

गांधी शताब्दी चिकित्सालय में संचालित होगी मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा

भविष्य में कोरोना वायरस के खतरे को भांपते हुए और उससे निपटने के लिए दून मेडिकल कालेज में संचालित हो रही मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा को अब गांधी शताब्दी चिकित्सालय में संचालित करने का निर्णय लिया गया है. क्योंकि दून मेडिकल कालेज को फ्लू और कोरोना वायरस के लिए रिजर्व किया गया है. यही नहीं नियमित ओपीडी और आपातकालीन सेवाएं अब कोरोनेशन चिकित्सालय से संचालित होंगी. हालांकि, जरूरत पड़ने पर ही उपचार के दौरान दून मेडिकल कॉलेज के संबंधित विभागों से संचालित किए जाएंगे.

Last Updated : Mar 24, 2020, 10:55 PM IST

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