देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना और लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड पर्यटन पर काफी गहरा असर पड़ा है. जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने अनलॉक 3.0 के दौरान चारधाम की यात्रा शुरू कर दी थी. चारधाम यात्रा में न सिर्फ प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. मगर, इस कोरोना काल के चलते श्रद्धालु केदारनाथ स्थित मोदी गुफा को पूरी तरह से भूल गए हैं. पिछले साल चारधाम यात्रा में पहुंचने वाले सैकड़ों लोगों ने मोदी गुफा में ठहरने के लिए बुकिंग करवाई थी. वहीं, इस बार यात्रा खुलने के बाद से मोदी गुफा में ठहरने के लिए किसी ने बुकिंग नहीं करवाई है.
कोरोना काल में मोदी गुफा को भूले श्रद्धालु बता दें एक जुलाई से चारधाम की यात्रा शुरू होने के बाद से ही अभी तक करीब 25 हज़ार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. मगर इस साल किसी भी यात्री या श्रद्धालु ने मोदी गुफा में ठहरने के लिए बुकिंग नहीं करवाई है. जीएमवीएन की निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अभी का समय प्राकृतिक विपदा का समय है. उन्होंने कहा पिछले साल जून महीने से ही ध्यान गुफा को यात्रियों के लिए खोल दिया गया था. हालांकि, जून महीने से लेकर अक्टूबर महीने तक इस ध्यान गुफा से करीब डेढ़ लाख रुपए का राजस्व एकत्र हुआ था. उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुकने के बाद ये गुफा आकर्षण का केंद्र बनी थी. उस दौरान गुफा में रुकने के लिए कई बुकिंग्स की गई थी.
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साथ ही उन्होंने बताया कि इस साल गुफा के लिए कोई भी बुकिंग नहीं आ रही है. हालांकि, चारधाम की यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, पर यात्रियों का रुझान इस ध्यान गुफा की तरफ नहीं है.उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह पिछले साल सितंबर, अक्टूबर महीने में ध्यान गुफा में रुकने के लिए एडवांस बुकिंग हुई थी, उसी तरह इस साल भी सितंबर, अक्टूबर महीने में ध्यान गुफा में रुकने के लिए लोग बुकिंग करवाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि इस ध्यान गुफा का पहले ही काफी प्रचार-प्रसार हो चुका है.
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बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की एक गुफा में ध्यान लगाया था. पीएम मोदी के इस ध्यान ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी थी. जिसके बाद केदारनाथ की ये स्पेशल गुफा चर्चा में आ गई थी. चर्चा इतनी कि इस गुफा में ध्यान लगाने के लिए बुंकिग की झड़ी लगी गई थी. जिसके बाद केदारनाथ में ये गुफा श्रद्धालुओं का प्वाइंट ऑफ अट्रेक्शन बन गई थी.