मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट के ठेकेदार को लेकर बवाल ने पकड़ा तूल मसूरी: उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट हिस्टोरिकल प्लेस को एक निजी ठेकेदार को हेलीकॉप्टर राइड ओर मेंटेनेंस के लिए लीज पर दे दिया गया है. आरोप है कि इसके बाद निजी ठेकेदार द्वारा जॉर्ज एवरेस्ट को लेकर मनमर्जी के अनुसार नियम बनाए गए हैं. जिसके तहत सबसे पहले जॉर्ज एवरेस्ट के रास्ते से होकर जाने वाले सार्वजनिक रास्ते को बंद कर दिया गया है. यहां से जाने का केवल एक रास्ता है, जिससे जॉर्ज एवरेस्ट के आगे जिनकी संपत्ति या मकान हैं, उनका रास्ता पूरी तरह से ब्लॉक हो गया है.
मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट के ठेकेदार को लेकर बवाल ने पकड़ा तूल टैक्सी ड्राइवरों से ठेकेदार द्वारा मोटी रकम वसूलने का आरोप:आरोप है किपर्यटन विभाग के ठेकेदार ने इन लोगों के घरों और दुकानों के आगे कई फीट बड़े लोहे के एंगल और जालियां लगा दी हैं. साथ ही पर्यटन विभाग की भूमि से कई किलोमीटर आगे एक बैरियर भी लगा दिया गया है, जहां पर यह सभी पर्यटकों को रोककर वहां से अपनी गाड़ियों में जाने के लिए मजबूर करता है. इसके लिए एक मोटी रकम वसूलने का आरोप है. आरोप है कि पैसे नहीं देने पर टैक्सी ड्राइवर को कई किलोमीटर पहले रोककर उसे आगे आने की अनुमति नहीं देता है.
मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट को लेकर ठेकेदार कर रहा मनमानी मसूरी की छवि पर्यटकों के सामने धूमिल:पर्यटकों ने कहा कि 1 घंटे में उनसे ₹10,000 लिए गए हैं. देश में सातवां अजूबा ताजमहल में जाने का भी इतना पैसा नहीं देना पड़ता है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार इस तरह की मनमानी करके मसूरी की छवि को आने वाले पर्यटकों के सामने धूमिल कर रहा है. स्थानीय लोगों ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से भी इस संबंध में बात की, लेकिन कोई हल नहीं निकला है.
मसूरी वालों को ब्रिटिश काल की आ रही याद:पर्यटन विभाग के इस प्राइवेट ठेकेदार ने जॉर्ज एवरेस्ट में लोकल की एंट्री बंद कर दी है. इन सभी नियम कानून से मसूरी वालों को एक बार फिर से ब्रिटिश कालीन समय याद आ रहा है, जब माल रोड पर लिखा होता था कि लोकल एंड डॉग्स नॉट अलाउड. हालांकि ठेकेदार की इस मनमानी का स्थानीय लोगों और टैक्सी ड्राइवरों ने विरोध किया है.
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पर्यटन विभाग के अधिकारी का बयान:पर्यटन विभाग के साहसिक विंग के प्रमुख कर्नल अश्विनी पुंडीर ने कहा कि मसूरी के लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं और यह केवल वहां के स्थानीय नगर पालिका के चुनाव की वजह से हो रहा है. जब उनसे नियम कानून की बात पूछी गई, तो उनका कहना था कि सारे नियम कानून वेबसाइट पर डाले हुए हैं. कोई भी वहां से पढ़ सकता है. हालांकि ऐसा कुछ भी पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर नहीं है. पर्यटन विभाग के अधिकारी का कहना है कि जॉर्ज एवरेस्ट को निजी कंपनी के हाथ देने का फैसला कैबिनेट का है और इसमें अब कुछ नहीं किया जा सकता है. इसका ओपन टेंडर हुआ है और टेंडर प्रक्रिया के तहत निजी ठेकेदार को जॉर्ज एवरेस्ट हेलीकॉप्टर राइड और संचालन के लिए दिया गया है.
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