मसूरी: लॉकडाउन की मार का असर हर तबके पर पड़ रहा है. टैक्सी मालिकों का भी यही हाल है. लॉकडाउन के कारण आवाजाही ठप है. लेकिन उन्हें इस दौरान भी लोन की रकम समेत तमाम टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है.
टैक्सी-कार एसोसिएशन के सचिव सुंदर सिंह पवार ने बताया कि उनके एसोसिएशन में 700 से ज्यादा टैक्सी पंजीकृत है. जिसमें से 600 से अधिक टैक्सी लोन के माध्यम से ली गई हैं. ऐसे में टैक्सी स्वामियों को लोन की किश्त के साथ ब्याज की रकम देने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन से टैक्सी मालिकों पर दोहरी मार. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित है. लेकिन कोरोना वायरस के कारण पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. वे कहतें हैं उनको उम्मीद नहीं है कि लॉकटाउन खुलने के बाद देश-विदेश के पर्यटकों का पर्यटन स्थलों पर आवागमन हो पाएगा. उन्होंने कहा कि टैक्सी संचालकों के साथ अन्य व्यवसायिक वाहनों के स्वामियों के सामने वाहनों की किश्त देने के साथ किश्त समय पर ना देने पर लगने वाले ब्याज की रकम भी चुकानी होगी, जिससे उन पर दोहरी मार पड़नी निश्चित है.
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सुंदर सिंह पवार ने कहा कि सरकार द्वारा लोन की रकम में 3 माह की छूट तो दी गई है. परंतु बैंक द्वारा 3 महीने का ब्याज लेने की बात कही जा रही है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनको 3 माह पर लगने वाले ब्याज में भी छूट दी जाए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में 2013 में आपदा के समय व्यवसायिक वाहनों के लिए विशेष पैकेज बनाया गया था. जिससे उनको काफी राहत मिली थी. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर लगे लॉकडाउन के कारण व्यवसायिक वाहनों को भारी नुकसान हुआ है. जिसको देखते हुए उनको विशेष छूट दी जानी चाहिए.