देहरादून: इंडियन मिलिट्री एकेडमी (Indian Military Academy) यानी आईएमए (IMA) में जांबाज युवा अफसरों की परेड और पीपिग सेरेमनी को सैन्य परंपराओं के साथ संपन्न हुआ. इस दौरान हर सीना बुलंद और सिर सम्मान से उठा दिखाई दिया. लेकिन कुछ और भी था, जिसे सैन्य अफसरों की आंखें बयान कर रही थी. दरअसल तमाम सैन्य अधिकारी चैटवुड भवन के सामने खुद को अफसर बनता देख रहे थे. आईएमए में सैन्य अधिकारियों की यादों के झरोखे आज भी उतने ही हरे-भरे हैं, जितने आईएमए छोड़ते वक्त उन्होंने महसूस किया था.
आईएमए की पासिंग आउट परेड (passing out parade) के दौरान सबका ध्यान अफसर बनने वाले जेंटलमैन कैडेट्स पर ही होता है. छात्र के रूप में एकेडमी में बिताया उनका हर पल यादगार भी होता है. शायद इसीलिए एकेडमी का कोई भी छात्र इन यादों को भुलाना नहीं चाहता है. खासकर एकेडमी के पूर्व छात्रों के लिए तो ये मौका खुद को फिर एक बार पासआउट होते देखने का होता है.
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आईएमए में पहुंचे रिव्यूइंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह के लिए भी यह मौका बेहद खास था. देश के पश्चिमी कमान के चीफ 39 साल पहले इसी अकादमी से प्रशिक्षण लेकर सेना में शामिल हुए थे. ऐसे ही कई अफसर आज जब पासिंग आउट परेड देखने के लिए भारतीय सैन्य अकादमी पहुंचे तो वह ऐतिहासिक चैटवुड भवन के सामने फोटो खिंचवाना नहीं भूले. अपने परिवार के साथ उस गौरवशाली जगह पर पहुंच कर सैन्य अधिकारियों ने अपने उन पुराने पलों से जुड़े अकादमी के इस भवन को कैमरे में कैद किया.