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महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने किराया दर को लेकर सौंपा ज्ञापन

राजधानी देहरादून में महानगर सिटी बस सेवा महासंघ द्वारा बसों का निर्धारित किराया न मिलने के चलते जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि शासन द्वारा बसों को बुलाया जाता है. लेकिन संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा तय किया गया किराया नहीं मिलता है.

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महानगर सिटी बस सेवा महासंघ

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Published : Sep 24, 2020, 8:15 PM IST

देहरादून:संभागीय परिवहन द्वारा बनाई गई समिति के अनुसार आपदा, चुनाव और कोविड-19 के कार्यों में लगी सिटी बसों को तय किए गए निर्धारित रुपए नहीं मिलने के चलते आज महानगर सिटी बस सेवा महासंघ द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने मांग की है कि शासन द्वारा निर्वाचन कार्यों के लिए हमारे सिटी बसों को बुलाया जाए, तो हमें समिति की रिपोर्ट के आधार पर जो वाहनों के किराये दरों का निर्धारण हुआ है उन्हीं निर्धारित दरों पर भुगतान किया जाए.

महानगर सिटी बस सेवा महासंघ अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि 19 मार्च 2019 को संभागीय परिवहन अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी. उस समिति द्वारा एक रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की गई थी. जिसमें कि निर्वाचन कार्य में लगने वाले प्राइवेट वाहनों की करो का निर्धारण होना था, क्योंकि पहले से ही सिटी बसों का चुनाव कार्यों में जाने पर कम किराया मिलता है. इसलिए संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा अपनी रिपोर्ट में 14 सीटर से 24 सीटर की जिन वाहनों को 1102 रुपए मिलते थे, उन वाहनों को समिति की रिपोर्ट द्वारा 1970 रुपए की संस्तुति की गई. साथ ही 25 से 34 सीटर तक जिन वाहनों को 1242 रुपए मिलते थे उन्हें 2128 रुपए देने की संस्तुति की बात की गई थी, लेकिन शासन द्वारा उस समिति की रिपोर्ट को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. जिससे उन्हें निर्धारित किये गए रुपये नहीं मिल रहे हैं.

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महानगर सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि हमारी सिटी बसें आपदा और वर्तमान में चल रहे कोरोना काल मे सिटी बसें लगी हुई हैं. साथ ही चुनाव में भी काफी बसें जाती है. लेकिन बहुत कम किराया मिलता है. समिति की ओर से मिलने वाले रुपये में से एक हज़ार रुपये चालक को देने होते हैं और खुद 1102 मिल रहे हैं तो हमारे पास सिर्फ 102 रुपये ही बचेंगे, इन रुपयों में हम कैसे बसों का ख़र्चा उठाएंगे और परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे. जिस कारण हम हमेशा नुकसान होता रहता है. सरकार हमारा कहीं न कहीं शोषण कर रही है.

उन्होंने कहा कई बार परिवहन विभाग में पत्र दिए हैं. लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की. कमेटी को जब जांच में पता चला कि सिटी बसों को नुकसान हो रहा है तो इसलिए कमेटी द्वारा निर्धारित रुपये बढ़ा दिए गए. लेकिन, शासन हमारे साथ भेदभाव कर रहा है.

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