देहरादून:भीषण गर्मी के इस मौसम में जहां गरीब सड़क पर छांव ढूंढ रहा है ऐसे में देहरादून में वन विभाग द्वारा शहर के बीचों-बीच इंदिरा मार्केट में चल रहे री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों के कटान की अनुमति दे दी गई है. इसका स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. ऐसे में ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा और स्थानीय लोगों से बात की.
एक तरफ कोरोना का कहर, दूसरी तरफ आसमान से बरसती तपिश. ऐसे में गरीब आदमी की सोशल डिस्टेंसिंग और पेड़ की छांव वाली तस्वीर इन दिनों आसानी से देखी जा सकती है. लेकिन देहरादून में इस तस्वीर को भी उजाड़ने का प्रयास वन विभाग और एमडीडीए द्वारा किया जा रहा है. दरअसल, देहरादून शहर के बीचों बीच मौजूद इंदिरा मार्केट में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण यानी एमडीडीए द्वारा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को अमली जामा पहनाने के लिए भरी गर्मी के इस मौसम में 22 पेड़ों की कटान के लिए मार्किंग की गई है. पेड़ों के कटान को इस भीषण गर्मी के मौसम में अंजाम दिया जा रहा है.
इस पर स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि ये पेड़ गरीबों, टैक्सी संचालकों, रेहड़ी चलाने वालों के लिए और बेसहारा लोगों के लिए सिर पर छांव का काम करते हैं. वन विभाग द्वारा भीषण तपिश के इन दिनों में ही इन पेड़ों को काटने की अनुमति देने से शहर के बीच में मिलने वाली इस हरियाली को नेस्तनाबूद करने का काम किया जा रहा है.