देहरादूनः आपके घरों में लगे नलों में हर रोज जो पानी आ रहा है क्या आपने कभी उसकी गुणवत्ता के बारे में सोचा है? यदि नहीं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. राजधानी देहरादून के जाने-माने वैज्ञानिक और स्पेक्स संस्था के सदस्य डॉक्टर बृजमोहन शर्मा बीते कई सालों से राजधानी के पेयजल की गुणवत्ता पर शोध कर रहे हैं. उनकी पेयजल शोध रिपोर्ट कई बार सरकार को आइना भी दिखा चुकी है.
यहां बड़ा सवाल ये है कि जब सरकार आम लोगों को पीने योग्य पानी तक मुहैया नहीं करा पा रही है तो यह कैसा विकास? स्पेक्स संस्था के वैज्ञानिक बृजमोहन शर्मा की ओर से पानी की गुणवत्ता पर किए गए शोध में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. उनके मुताबिक दून की जनता जिस पानी का सेवन कर रही है, वह कहीं से भी पीने योग्य नहीं है.
वैज्ञानिक डॉक्टर बृजमोहन शर्मा बताते हैं कि उनके द्वारा लिए गए दून के पानी के सैंपल में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व सॉलिड) की मात्रा मानकों से कई गुना ज्यादा पाई गई है. यहां के पानी में क्लोरीन भी काफी अधिक है. यही कारण है कि अब दून के लगभग हर घर में आरओ या वाटर प्यूरीफायर लगा हुआ है, लेकिन लोगों को यह पता नहीं है कि आरओ में 30 से 50 फीसदी पानी व्यर्थ जाता है. इसके साथ ही जो पानी में जरूरी मिनरल्स होने चाहिए वह भी खत्म हो जाते हैं.
ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूनवासी जो पानी पी रहे हैं वह उनके सेहत के लिए कितना लाभदायक है. वैज्ञानिक डॉक्टर शर्मा बताते हैं कि उनकी संस्था स्पेक्स की ओर से राजधानी के अलग अलग इलाकों से पानी के 96 सेम्पल लिए गए थे. जिसमें शहर के पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व सॉलिड) और क्लोरीन की मात्रा मानकों से कई गुना ज्यादा पाई गई है.