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Basant Panchami 2023: चालदा महासू देवता मंदिर में आस्था का सैलाब, ग्रामीणों ने भेंट किए दो मोर चिन्ह

जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में चालदा महासू देवता इष्ट देव के रूप में पूजे जाते हैं. महासू देवता की महिमा दूर-दूर तक है. यही वजह है कि यहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. बसंत पंचमी के मौके पर भी दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचे और महासू देवता के दर्शन किए. वहीं, ग्रामीणों ने चांदी के दो मोर चिन्ह स्वरूप मंदिर को भेंट किए.

Many Devotees Reached Chalda Mahasu Devta Temple
महासू देवता मंदिर में आस्था का सैलाब

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Published : Jan 26, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Jan 26, 2023, 7:06 PM IST

चालदा महासू देवता मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब.

विकासनगरः बसंत पंचमी 2023 के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने समाल्टा मंदिर पहुंचकर चालदा महासू देवता के दर्शन किए. इस दौरान खत पट्टी के ग्रामीणों ने देवता को चांदी के दो मोर चिन्ह भेंट किए और सुख समृद्धि की कामना की. वहीं, देवता के वाद्य यंत्र बजाने वाले ढढवारियों ने बसंत ऋतु के होरी गीतों पर गायन किया. जबकि, उनकी महिलाओं ने शानदार नृत्य किया. जिसे देख लोग मंत्रमुग्ध हो गए. नृत्य की यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है.

जौनसार बावर के इष्ट देवता माने जाने वाले चालदा महासू इन दिनों समाल्टा के नवनिर्मित मंदिर मे विराजमान हैं. बसंत पंचमी के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने समाल्टा पहुंचकर देव दर्शन किए. मंदिर परिसर में हनोल से आए देवता के देवालों (देवता के साथ ढोल आदि वाद्य यंत्रों के साथ रहने वाले) ने बसंत पंचमी के आगाज पर भगवान श्रीकृष्ण की गाथा सुनाई. साथ ही महिलाओं ने बसंत ऋतु के होरी गीतों पर नृत्य किया.

श्री चालदा महासू मंदिर समिति समाल्टा के सदस्य रणवीर सिंह ने कहा कि बसंत पंचमी पर सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं. खत समाल्टा के लोगों की ओर से एक जोड़ा चांदी की मोर का जोड़ा देवता को भेंट किया गया. साथ ही सभी क्षेत्रवासियों की खुशहाली के लिए कामना की गई. हनोल से आए देवाल विजेंद्र सिंह ने बताया कि बसंत पंचमी पर महासू देवता परिसर में जो कार्यक्रम किए जाते हैं, वो पीढ़ियों से किए जा रहे हैं.

वहीं, अन्य देवाल आशा देवी ने कहा कि सदियों से हम लोग महासू देवता की सेवा में हैं. जबकि, देवाल विनीता ने बताया कि बसंत पंचमी पर जो नृत्य किया जाता है, वो कृष्ण लीला से संबंधित होता है. जिस तरह गोपियां होती थीं, उसी तरह देवता की गोपियों की तरह नृत्य किया जाता है. उन्होंने कहा कि वो परिवार समेत देवता की सेवा में लगे हैं, ऐसे में सरकार को उनके उत्थान के लिए प्रयास करने चाहिए.
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Last Updated : Jan 26, 2023, 7:06 PM IST

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