मसूरीःपूरे देश में आजराष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही है. गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2022) के मौके पर उन्हें याद किया जाता है. आज हम आपको गांधी जी की मसूरी से जुड़ी यादों से रूबरू कराते हैं. आजादी से पहले महात्मा गांधी दो बार मसूरी आए थे. उन्होंने 10 दिन तक मसूरी में प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया था. कहा जाता है कि गांधी जी मसूरी में स्वास्थ्य लाभ भी लेते थे.
इतिहासकार गोपाल भारद्वाज (Historian Gopal Bhardwaj) के मुताबिक, साल 1929 में महात्मा गांधी किसी कार्यक्रम में शिरकत करने देहरादून आए थे. इसी दौरान वे 2 दिन के लिए मसूरी भी पहुंचे थे. दूसरी बार साल 1946 में गांधी जी दोबारा मसूरी (Mahatma Gandhi in Mussoorie) आए और अकादमी क्षेत्र स्थित हैप्पी वैली बिरला हाउस में 10 दिन तक ठहरे थे.
गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि महात्मा गांधी उस समय मसूरी के तत्कालीन कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल पुष्कर नाथ तन्खा (Pushkar Nath Tankha) के सहयोग से देश के अन्य बड़े नेताओं से बैठक कर आजादी के लिए रणनीति बनाते थे. उनके पिता आरजीआर भारद्वाज विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य थे. गांधी जी जब 1946 में मसूरी बिरला हाउस में ठहरे थे तो पुष्कर नाथ के पिता को लेने के लिए दो रिक्शा भेजी थी.
इतिहासकार भारद्वाज ने बताया कि महात्मा गांधी ने 15, अक्टूबर 1929 को हरिद्वार में लाला लाजपत राय मेमोरियल उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय सेवा और खादी के लिए धन एकत्र किया और अगले दिन मसूरी आए. 16 अक्टूबर, 1929 को उन्होंने बाबू पुरुषोत्तम दास टंडन के नेतृत्व में देहरादून में कांग्रेस के एक जिला राजनीतिक सम्मेलन को संबोधित किया. इसके बाद वे पहाड़ों की रानी मसूरी आए.
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