देहरादून: आम को फलों का राजा माना जाता है तो लीची फलों की रानी है, ये दोनों ही राजधानी देहरादून की खास पहचान हैं. यहां की लीची, आम देश और दुनिया के कोने-कोने में अपने लाजवाब स्वाद के लिए जाने जाते हैं. लीची और आम की ये स्वादिष्ट खेप एक विशेष गार्डन में तैयार होती है, जिसे पूरे उत्तर भारत में मदर गार्डन आफ 'लीची' कहा जाता है. इन दिनों भी इस गार्डन में लीची और आम की खेप तैयार है, मगर लॉकडाउन के कारण फलों के रख-रखाव से लेकर इसे बाजार तक पहुंचाने में उद्यान विभाग को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.यही कारण है कि देहरादून की 'मिठास' कारण मदर गार्डन ऑफ 'लीची' में फंसकर रह गई है.
ईटीवी भारत ने मदर गार्डन ऑफ 'लीची पहुंचकर उद्यान विभाग के अधिकारियों से इस बाबत बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और मौसम की मार का इस गार्डन पर कितना असर पड़ा है साथ ही उन्होंने बताया कि गार्डन में किस तरह से लीची, आम और अन्य फलों की गार्डनिंग होती है. इसके अलावा अभी उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उसके बारे में भी उन्होंने खुल के बताया.
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देहरादून की प्रसिद्ध लीची और आम इस बार बागीचों में ही फंस कर रह गया है. 7.14 हेक्टेयर में फैले मदर गार्डन ऑफ लीची में लीची और आम के पेड़ों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव, कटिंग और देखरेख करने के लिए मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं.