हल्द्वानी/देहरादून: कल से उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है. विधानसभा सत्र में शुरू होने से पहले अभी तक कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर सकी है. कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर हरीश रावत और प्रीतम सिंह के गुट आमने-सामने हैं. जिसके कारण देरी हो रही है. कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर हो रही देरी के कारण उनके ही नेता सवाल उठाने लगे हैं. वहीं, अब भाजपा ने भी इस मामले पर तंंज कसना शुरू कर दिया है.
भाजपा प्रवक्ता रविंद्र जुगरान का कहना है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि एक मजबूत और क्रियात्मक विपक्ष हो, जो सरकार के अच्छे कामों में सरकार का साथ दें और कहीं पर अगर सरकार से कोई कमी रह जाती है तो उसको एक क्रियात्मक विपक्ष की भूमिका निभाए, लेकिन उत्तराखंड में जिस तरह से कांग्रेस की स्थिति है उससे लगता है कि कांग्रेस अब पूरी तरह से फेल हो चुकी है. उन्होंने कहा कांग्रेस अपना नेता प्रतिपक्ष तक भी तय नहीं कर पा रही है. यह वह पार्टी है जो चुनाव से पहले सरकार बनाने का दावा कर रही थी, आज नेता प्रतिपक्ष तक बनाने में असमर्थ है.
बीजेपी का कांग्रेस पर तंज पढ़ें- हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला, MBBS छात्रों के दो गुट आपस में भिड़े नेता प्रतिपक्ष के मामले में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा बिना नेता प्रतिपक्ष के भी सदन चल सकता है. नेता प्रतिपक्ष को लेकर कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है. वह यह भी कहते हैं यह सवाल पार्टी हाईकमान से होना चाहिए कि इस पद को लेकर किसी नाम का चयन करने में इतनी देरी क्यों हो रही है? प्रीतम सिंह कहते हैं कि यदि उनको इस बात का अधिकार होता तो वह एक दिन में ही नेता प्रतिपक्ष कौन होगा यह तय कर देते.
वहीं, हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष का चयन जल्द हो जाएगा. आज कांग्रेस विधानसभा दल की बैठक है. यही नहीं आलाकमान जिसको भी नेता प्रतिपक्ष तय करेगा उस पर सब सहमत होंगे. नेता प्रतिपक्ष के चयन पर हरीश रावत और प्रीतम सिंह के गुट आमने-सामने हैं. इस पर सुमित हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है.
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बीजेपी से सीखना होगा अनुशासन: सुमित हृदयेश ने कहा कि अनुशासन को लेकर कांग्रेस को बीजेपी से सीखना चाहिए. जिस तरह बीजेपी में हर बात पार्टी फोरम में रखी जाती है और बीजेपी हाईकमान का निर्णय ही सर्वमान्य होता है उसी तरह कांग्रेस को भी अपनी बात पार्टी फोरम पर रखनी चाहिए.
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