देहरादून:14 फरवरी को उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. ऐसे में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आज चुनाव प्रचार-प्रसार का आखिर दिन है. उत्तराखंड में आज चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा. जिसको लेकर राजनीतिक दलों से लेकर निर्वाचन आयोग ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. एक तरफ चुनावी शोर आज थमने जा रहा है तो दूसरी तरफ निर्वाचन आयोग भी पूरी तरह से चुनावी गाइडलाइन को फॉलो करवाने के लिए सक्रियता बढ़ा चुका है. आचार संहिता लगने के बाद अब तक कैसा रहा राजनीतिक दलों का चुनावी प्रचार और अब अगले 48 घंटों में किस तरह निर्वाचन आयोग रखेगा निगरानी. देखिए रिपोर्ट...
उत्तराखंड समेत देश के 5 राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए 8 जनवरी 2022 को भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से तारीखों का ऐलान कर दिया गया था. देश के इन पांच राज्यों में 7 चरणों में चुनाव की तारीख घोषित की गई. जिसमें दूसरे चरण के तहत उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान तय किया गया. खास बात यह है कि 8 जनवरी आचार संहिता लगने के बाद से अब तक प्रदेश में चुनाव को लेकर कई रंग देखने को मिले और राजनीतिक रणनीति के तहत प्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपने तमाम कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाया. प्रदेश में 14 फरवरी को चुनाव है. लिहाजा 48 घंटे पहले यानी 12 फरवरी शाम 6 बजे तक ही चुनावी प्रचार प्रसार राजनीतिक दलों की तरफ से किया जा सकेगा. इस तरह 12 फरवरी शाम 6 बजे के बाद लाउडस्पीकर से प्रचार और तमाम राजनीतिक कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक होगी.
हालांकि प्रत्याशी डोर टू डोर प्रचार कर पाएंगे, लेकिन प्रचार के लिए भीड़ जुटाने और शोर-शराबा करने पर पूरी तरह से रोक होगी. 8 जनवरी 2022 को आचार संहिता लगने के बाद से ही राजनीतिक दल चुनावी प्रचार प्रसार में जुटते हुए दिखाई दिए. इस कड़ी में राजनीतिक दलों का आचार संहिता लगने के बाद पहला कदम प्रत्याशियों के नाम को फाइनल करने से जुड़ा रहा. इस मामले में आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा की तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नामांकन कराने के दिन तक कुछ सीटों पर नाम फाइल करने को लेकर असमंजस में दिखाई दिए. खास बात यह है कि इस दौरान प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने के चलते नई कोरोना गाइडलाइन जारी की गई और इसके बाद राज्य में डिजिटल प्रचार पर ही ज्यादा फोकस किया गया. इसी के तहत तमाम वर्चुअल रैली प्रदेश में शुरू की गई. हालांकि इससे पहले देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी जबकि आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की जनसभा आयोजित हो चुकी थी.
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