देहरादून: श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर यूं तो श्रमिक संगठन सरकारों पर गरजते रहे हैं. लेकिन इस बार त्रिवेंद्र सरकार का यूनियनों के नियमों में बदलाव करना इनके गुस्से का कारण बन गया है. दरअसल त्रिवेंद्र सरकार ने हाल ही में श्रम कानूनों के तहत यूनियन बनाने के नियमों में बदलाव किया है.
सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर 10 प्रतिशत की जगह 30 प्रतिशत श्रमिकों के होने पर ही यूनियन बनाये जाने की बात कही है. जिसके बाद विपक्ष और श्रमिक सरकार से नाराज दिख रहे हैं. इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार ने मैनेजमेंट से मिलकर ये काम किया है. सरकार के लोगों को वसूली चाहिए, धंधे चाहिए, इन्हें श्रमिकों से कोई मतलब नहीं है.
कैबिनेट के प्रस्ताव का श्रमिक संगठन कर रहे विरोध - श्रमिक यूनियन के नियम में बदलाव समाचार
सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर 10 प्रतिशत की जगह 30 प्रतिशत श्रमिकों के होने पर ही यूनियन बनाये की बात कही है. इससे श्रमिक संगठनों में काफी नाराजगी है.
श्रमिक यूनियन को लेकर कैबिनेट के प्रस्ताव का विरोध.
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वहीं श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने इससे यूनियनों की ताकत बढ़ने और काम का माहौल तैयार होने की बात कही. उन्होंने कहा कि यह निर्णय उद्योगों के लिए भी है, मैनेजमेंट के लिए भी है और श्रमिकों के लिए भी.