जब सीएम धामी ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को लगाई थी फटकार देहरादूनःमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक वीडियो बीते दिनों खूब वायरल हुआ. वायरल वीडियो में सीएम धामी अधिकारियों को फटकार लगाते नजर आए. खास बात ये थी अपने कड़क मिजाज और एक्शन के लिए पहचाने जाने वाले आईएएस अधिकारी दीपक रावत पर सीएम धामी गुस्सा दिखाते नजर आए. अभी दीपक रावत कुमाऊं कमिश्नर का जिम्मा संभाल रहे हैं. ऐसे में सीएम धामी की ओर से कमिश्नर दीपक रावत को फटकारने का वीडियो वायरल हुआ तो कई तरह की बातें होने लगी. कहा जाने लगा कि बात कुछ खास और गंभीर है, तभी तो सीएम धामी अधिकारियों पर बरसे. अब आपको बताते हैं कि मामला क्या था और सीएम के फटकार के बाद क्या कुछ हुआ?
क्या था मामला? पूरा मामला बीती 26 अक्टूबर का है, जब सीएम धामी ने कुमाऊं के तमाम विकास कार्यों से जुड़े योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को फटकार लगा दी. जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया, लेकिन किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि आखिरकार यह फटकार लगाई क्यों जा रही है? दरअसल, मामला कुछ ऐसा था. काशीपुर से मुरादाबाद को जाने वाली सड़क बड़ा टांडा होते हुए उत्तर प्रदेश में दाखिल होती है, उस सड़क पर करीब 12 किलोमीटर तक गड्ढे ही गड्ढे है और सड़क की हालत बेहद खस्ता है. ऐसे में इसकी शिकायत सीएम धामी के पास लगातार आ रही थी. जिसे सीएम धामी ने गंभीरता से लिया.
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गुस्से में नजर आए थे सीएम धामीःमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब अधिकारियों से इस सड़क के बारे में पूछने बैठे तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारी यह कहकर बचने की कोशिश करते हैं कि यह सड़क उत्तर प्रदेश की है. उन्ही में से कोई अधिकारी यह कहता सुनाई देता है कि ये सड़क नेशनल हाईवे अथॉरिटी की है. अधिकारियों का जवाब कुछ ऐसा था कि सीएम पुष्कर धामी भी समझ जाते हैं कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं. ऐसे में कुमाऊं कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाल रहे दीपक रावत से सीएम धामी पूछते हैं कि ये सब क्या हो रहा है?
सीएम धामी ने दीपक रावत को लगाई थी फटकार
वीडियो में सीएम धामी ये कहते नजर आ रहे कि 'हमारे सामने कोई कह रहा है कि ये एनएच से है, कोई एनएचएआई और कोई स्टेट का बता रहा है. यह सब क्या है दीपक जी.. यह सब ठीक हो जाना चाहिए आप देख लीजिए वरना... यह सब ठीक बात नहीं है.' सीएम धामी आगे कहते हैं, 'आप कहो कि एनएचएआई के पास है, वो कहें कि स्टेट के पास है. यह ठीक बात नहीं है. आपस में सभी लोग तय कर लीजिए कि किसको करना है?'
अब उत्तर प्रदेश प्रशासन ने लिया एक्शनः वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ तो मामले ने तूल पकड़ा. उधर, सीएम धामी की बैठक के इस बैठक बाद मामले में यूपी प्रशासन ने एक्शन लिया है. यह सड़क उत्तराखंड को यूपी से जोड़ता है और कुछ किलोमीटर का हिस्सा उत्तराखंड के पास भी है. हालांकि, ज्यादा काम इसमें यूपी का ही होना है. अब कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने इस बैठक के बाद मुरादाबाद कमिश्नर को एक पत्र लिखा और पत्र लिख कर ये अवगत करवाया कि उनके जिले में इस सड़क का काम रूका हुआ है. इसमें वैधानिक कार्रवाई जल्द करवा लें. हालांकि, ये कोई आदेश नहीं बल्कि, एक रूटीन पत्राचार था. उधर, मामले पर यूपी सरकार ने एक्शन लेते हुए तत्काल सड़क को दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं.
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क्या कहते हैं यूपी के जिम्मेदार अधिकारी? ईटीवी भारत से बातचीत में मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि सड़क को लेकर सीएम धामी ने नाराजगी जताई है. इस बैठक के बाद उनके पास कुमाऊं कमिश्नर का पत्र आया और उनसे बात भी हुई. जल्द ही संबंधित सड़क की मरम्मत कर ली जाएगी. यह सड़क उत्तर प्रदेश के लिए भी महत्वपूर्ण है. कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह कहते हैं कि यह मामला मुख्य सचिव की बैठक में भी उठा है. जिसमें उनकी ओर से कहा गया है कि सड़क दुरुस्तीकरण के लिए पैसा आ गया है.
बारिश की वजह से इसका काम नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब जल्द ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा. बतौर मुरादाबाद कमिश्नर इस मामले में डीएम मुरादाबाद को जल्द निरीक्षण के आदेश भी दिए हैं. आंजनेय कुमार सिंह की मानें तो नवंबर या दिसंबर के मध्य तक काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को काम शुरू करने के आदेश दे दिए हैं. ये सड़क उत्तराखंड से ज्यादा यूपी के लिए अहम है, क्योंकि यूपी का पर्यटक इसी रास्ते से उत्तराखंड जाता है.
कौन हैं कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावतः जिस अफसर को सीएम धामी फटकार लगाते दिखे वो उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, जो मसूरी के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में वो कुमाऊं कमिश्नर की भूमिका निभा रहें है. उनके यूट्यूब पर करीब 42 लाख फॉलोअर्स हैं. फेसबुक पर ढाई लाख से लोग जुड़े हैं. उनके कड़े एक्शन को यूथ काफी पसंद करते हैं. ऐसे में सीएम धामी अगर किसी और अधिकारी को ऐसे फटकार लगाते तो शायद इतनी चर्चा नहीं होती, लेकिन बात दीपक रावत से जुड़ी है तो इसकी चर्चा भी हो रही है. बरहाल, कुमाऊं के जिम्मेदार अधिकारी अगर मामले को पहले ही दुरुस्त कर लेते तो शायद ये सब न होता.
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