त्यौहारी सीजन में ज्वैलरी खरीदने में बरतें सावधानी देहरादून: देश भर में हिंदुओं का त्यौहारी सीजन शुरू होने जा रहा है. अक्टूबर महीने में दशहरा है. नवंबर महीने में दीपावली का पर्व है. त्यौहारों के सीजन में खाद्य पदार्थों समेत अन्य चीजों में मिलावट के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. ऐसे में दीपावली पर्व पर बाजारों में सबसे अधिक सोने-चांदी समेत अन्य ज्वैलरी की बिक्री देखी जाती है.
त्यौहारी सीजन में सक्रिय होते हैं मिलावटखोर:जिसका फायदा उठाकर मिलावटखोर लोगों को चूना लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. ऐसे में भारतीय मानक ब्यूरो, त्यौहारी सीजन से पहले ही लोगों को जागरूक करने के साथ ही खराब क्वालिटी के समानों को बेचने वालों पर लगाम लगाने की कवायद में जुट गया है. आखिर क्या है भारतीय मानक ब्यूरो की रणनीति, ग्राहक कैसे रहें सावधान? हम आपको विस्तार से बताते हैं.
आज है विश्व मानक दिवस:हर साल 14 अक्टूबर को विश्व मानक दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य होता है जनता को प्रोडक्ट्स के स्टैंडर्ड और क्वालिटी संबंधित तमाम जानकारियां दी जाएं. ताकि वह बेहतर प्रोडक्ट्स को ही खरीदें. मुख्य रूप से भारतीय मानक ब्यूरो हर साल बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाता है. इसके तहत लोगों को आईएसआई हॉलमार्क संबंधी जानकारियां दी जाती हैं. हालांकि, मुख्य रूप से देखें तो सस्ते प्रोडक्ट्स पर आम जनता भी विशेष ध्यान नहीं देती है. लेकिन अगर हम ज्वैलरी की बात करते हैं तो ज्वैलरी खरीदने में लोग विशेष ध्यान देते हैं, क्योंकि इसमें मोटी रकम खर्च होती है.
ज्वैलरी खरीदते वक्त बरतें सावधानी:ज्वैलरी खरीदते वक्त क्या कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए? साथ ही आईएसआई हॉलमार्क और यूनिक कोड कितना मददगार हो सकता है, इसको लेकर भारतीय मानक ब्यूरो आम जनता को जागरूक कर रहा है. दरअसल, अक्टूबर महीने से ही त्यौहारों का सीजन शुरू हो रहा है. ऐसे में लोग शुभ कार्यों के साथ ही बढ़ चढ़कर ज्वैलरी भी खरीदते हैं. इसी दौरान कम गुणवत्ता वाली ज्वैलरी का व्यापार तेजी से फलता फूलता है. ऐसे में त्यौहारी सीजन के दौरान लोगों को खासकर ज्वैलरी खरीदने में तमाम सावधानी बरतनी चाहिए.
ज्वैलरी खरीदते हॉलमार्क जरूर देखें:ज्वैलरी खरीदते वक्त सावधानियां बरतने की जरूरत है. ज्वैलरी में आईएसआई हॉलमार्क जरूर देखें. ज्वैलरी में यूनिक कोड पर भी ध्यान देना चाहिए. बीआईएस एप के जरिए स्टैंडर्ड और क्वालिटी चेक कर सकते हैं. स्टैंडर्ड और क्वालिटी बेहतर न होने पर आप भारतीय मानक ब्यूरो से शिकायत कर सकते हैं.
स्कूलों को बनाया स्टैंडर्ड क्लब प्रदेश के 250 स्कूलों में बनाया गया स्टैंडर्ड क्लब:ऐसे में भारतीय मानक ब्यूरो लोगों को आईएसआई हॉलमार्क के प्रति जागरूक करने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इनमें मुख्य रूप से यूथ टू यूथ कनेक्ट की शुरुआत 9 अक्टूबर से की गई है. इसके तहत 500 बच्चों को ट्रेनिंग दी गयी है. अब ये 500 बच्चे 25-25 लोगों से बातचीत कर उनको जागरूक करेंगे. इसके लिए सभी वॉलिंटियर को 1500 रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के साइंस साइड के बच्चों के लिए स्टैंडर्ड क्लब भी बनाया गया है. पहले चरण में प्रदेश के 250 स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब बनाया गया है. 1000 स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब खोलने का लक्ष्य है. इसके जरिए बच्चे स्टैंडर्ड और क्वालिटी की जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे. दरअसल लोगों को जागरूक करने में बच्चे बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं. इसके साथ ही स्कूल के टीचर्स को भी ट्रेनिंग दी गई है.
9 अक्टूबर से शुरू हो चुका अभियान ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए ब्लॉक तक पहुंचा मानक ब्यूरो:भारतीय मानक ब्यूरो ने ग्रामीण स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए पहले चरण में अल्मोड़ा जिले को चुना है. अल्मोड़ा जिले के सभी ग्राम प्रधानों के साथ बैठक की जा रही है. साथ ही इस जिले के 11 ब्लॉकों में ट्रेनिंग भी दी जा रही है. मुख्य रूप से 100 ग्राम पंचायत और ग्राम सचिव को स्टैंडर्ड और क्वालिटी की जानकारी दी जा रही है, ताकि ग्रामीण लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके. अगर गावों के प्रतिनिधि स्टैंडर्ड और क्वालिटी के प्रति जागरूक होंगे तो, उससे गांव में रहने वाले लोग भी जागरूक हो सकेंगे. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है, वो लोगों को जागरूक करेंगे.
प्रदेश के पांच जिलों में हॉलमार्क ज्वैलरी बेचना है अनिवार्य:मुख्य रूप से भारतीय मानक ब्यूरो में प्रदेश के पांच जिलों में ही हॉलमार्क को अनिवार्य किया है. इसमें देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, पौड़ी और नैनीताल शामिल हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों में बिकने वाली ज्वैलरी समेत अन्य प्रोडक्ट्स में हॉलमार्क होना अनिवार्य है. जबकि बाकी 8 जिलों में बिकने वाले प्रोडक्ट्स या फिर ज्वैलरी पर हॉलमार्क अनिवार्य नहीं है. ऐसे में इन आठ जिलों में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा सर्वे अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के दौरान मानक ब्यूरो की ओर से बनाया गया प्रतिनिधि, 100 ग्राहकों और ज्वैलरी शॉप मालिकों से बातचीत करेगा. साथ ही उन्हें हॉलमार्क की जानकारी देगा.
इन जिलों में हॉलमार्क ज्वैलरी अनिवार्य है बीआईएस केयर एप पर मिलेगी गुणवत्ता की जानकारी:भारतीय मानक ब्यूरो ने लोगों को जागरूक करने के साथ ही प्रोडक्ट्स के स्टैंडर्ड और क्वालिटी को जानने के लिए बीआईएस केयर एप तैयार किया है. इसके माध्यम से ग्राहक किसी भी प्रोडक्ट के स्टैंडर्ड और क्वालिटी की जानकारी ले सकेंगे. मुख्य रूप से अगर कोई व्यक्ति ज्वैलरी खरीदता है तो ज्वैलरी में मौजूद हॉलमार्क के साथ ही यूनिक कोड को एप में डालकर उस ज्वैलरी की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त कर सकता है. हालांकि, इस एप की शुरुआत पिछले साल की गई थी. इस एप की खास बात यह है कि ग्राहक इस एप के माध्यम से ही अपनी शिकायत भी दर्ज करवा सकता है. इसके अलावा तमाम प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और स्टैंडर्ड की जानकारी भी इस एप पर मिल जायेगी. मानक ब्यूरो के अनुसार 533 प्रोडक्ट्स में हॉलमार्क अनिवार्य किया है.
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मानक ब्यूरो इस तरह से करता है कार्रवाई:अलग-अलग विभागों का कार्रवाई करने का तरीका अलग-अलग होता है. इसी क्रम में भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से कार्रवाई का तरीका भी अलग है. दरअसल, अगर कोई ग्राहक प्रोडक्ट को लेकर शिकायत करता है तो फिर भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से उस दुकान में छापेमारी की कार्रवाई की जाती है. इसके बाद संबंधित प्रोडक्ट्स को जब्त कर लिया जाता है. इसके बाद फिर कोर्ट में केस दायर किया जाता है. इसमें सजा के प्रावधानों की बात करें तो अधिकांश केस में जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने के प्रावधान के तहत लो स्टैंडर्ड और बैड क्वालिटी के प्रोडक्ट्स पर प्रोडक्ट की कीमत का करीब 10 गुना जुर्माना लगाया जा सकता है. इस साल यानी साल 2023 में अभी तक दो ज्वैलरी शॉप पर कार्रवाई की गई है.
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