उत्तराखंड में कुदरत ने लिया रौद्र रूप उत्तराखंड:पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश आफत बनकर बरस रही है. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. आलय ये है कि भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं, तो पहड़ियां दरकने से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. इसी क्रम में भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है. वहीं,धराली में खीर गंगा के उफान पर आने से सड़क बह गई है.
सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोके गए यात्री:केदारनाथ यात्रा के लिए आए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिया है. लगातार खराब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुई है. चार राज्य मार्ग और 10 संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हैं. मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां उफान पर हैं.
मार्ग बहाल करने में जुटा प्रशासन:वहीं, गंगोत्री की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धराली में खीर गंगा के उफान पर आने से सड़क बह गई है. उत्तरकाशी जिला प्रशासन का कहना है कि भारी बारिश के बीच बंद सड़क को खोलने के लिए पिछले 12 घंटों से प्रयास जारी है. आईएमडी के अलर्ट को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के ड्यूटी अधिकारी ने पर्यटन विकास परिषद से चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा है.
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उत्तराखंड में कुदरत का कहर:उत्तराखंड में कुदरत ने जमकर कहर बरपाया है. हर तरह बारिश, बाढ़ और तबाही देखने को मिल रही है. जिससे आपदा जैसे हालात हो गए हैं. बारिश से सड़कें बाधित हैं तो नदियां उफान पर हैं. जिससे लोग घरों में कैद से हो गए हैं. जहां उन्हें अनहोनी की आशंका भी सता रही है.
हल्द्वानी में रेलवे लाइन को खतरा: भारी बारिश से हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन के पास से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है. गौला नदी के पानी से रेलवे पटरी के पास भू कटाव शुरू हो गया है, जिससे रेलवे संचालन में भी असर पड़ सकता है. रेलवे ट्रैक की भूमि के कटान के बाद रेलवे और जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है. भारी पानी से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त की संभावनाओं को देखते हुए रेलवे और जिला प्रशासन भू कटाव वाले स्थान को दुरुस्त करने में लगा हुआ है. उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने रेलवे अधिकारियों टीम के साथ हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि संभावित खतरे को देखते हुए यहां पर चैनलाइजिंग और प्रोटेक्शन वॉल बनाई जा रही है.
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